
लगातार खांसी और छींक आना आदमी को चिडचिडा बना देता हैं | सामान्यत: खांसी जुकाम की दवा अगर काम नहीं कर रही और बदन दर्द, एलर्जी बरकरार हैं तो समझिये आप साइनस की परेशानी से जूझ रहे हैं | अगर आप सायनस को लेकर असमंजस में हैं कि मैं एलोपैथ, होमियोपैथ या आयुर्वेद किस तरफ जाऊ तो बेफिक्र होकर आयुर्वेदिक् उपचार अपनाए | जैसे कि आप सभी इस बात से भली भांति परिचित हैं| कि आयुर्वेद का न तो कोई साइड इफ़ेक्ट हैं और न ही इसका कोई नुकसांन | बल्कि रोगों का सम्पूर्ण और कारगर इलाज संभव हैं, तो सिर्फ आयुर्वेद में ही संभव हैं |
आज हम यहां आपको साइनसाइटिस के कुछ आयुर्वेदिक उपचार के बारे में बताने जा रहे हैं |
1. अणु तेल- अणु तेल साइनसाइटिस के उपचार के लिए आयुर्वेद की एक औषधी है। जब आप किसी डाक्टर के पास साइनसाइटिस की समस्या लेकर जाएंगे तो निश्चित तौर पर आपको अणु तेल के इस्तेमाल की सलाह देगा। यह तेल संकुलन को कम करने के लिए जाना जाता है। नाक बंद हो जाने पर यह तेल काफी असरदार होता है। हालांकि शुरू में कुछ समय आप लगातार छींकेंगे और नाक भी बहेगी, पर कुछ दिन बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा।
2. खदीरादी वटी- साइनस इंफैक्शन के उपचार के लिए जाने पर डाक्टर आपको खदीरादी वटी के प्रयोग की सलाह भी दे सकते हैं। मुख्य रूप से डाक्टर जलन को कम करने के लिए इस दवा के सेवन की सलाह देते हैं। इसके अलावा कांचनार गुग्गुल और व्योषादि वटी का इस्तेमाल भी इसी उद्देश्य के लिए किया जाता है।
3. च्यवनप्राश- आयुर्वेद के उपचार में यह एक सामान्य औषधी है। साइनसाइटिस के आयुर्वेदिक उपचार में भी चवनपराश का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए नाक की एलर्जी, शरीर दर्द आदि भी दूर होता है। इसके अलावा शरीर के दर्द के उपचार में अभ्रक भस्म और लक्ष्मी विलास रास का इस्तेमाल भी किया जाता है।
4. चित्रक हरीतकी- यह दवाई लेहया के रूप में उपलब्ध रहती है। यह भी साइनस इंफैक्शन का आयुर्वेदिक उपचार है और डाक्टर के बताए गए निर्देशों के अनुसार इस दवाई का लगातार सेवन करना चाहिए। आमतौर पर दो चम्मच चित्रक हरीतकी को दूध के साथ लिया जाता है।
5. जीवनधारा- यह कपूर और मेंथॉल का मिश्रण है और इसका इस्तेमाल साइनस इंफैक्शन के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। भांप को सूंघते समय इस दवाई को मिलाया जाता है। अगर एक हफ्ते तक दिन में दो बार इसकी सांस लेंगे तो काफी फायदा पहुंचेगा। इससे निश्चित रूप से आपको काफी आराम पहुंचेगा।
6. मिश्रण- हो सकता है आपका इम्युनिटी सिस्टम उतना मजबूत न हो। तो आपके इम्यूनिटी को बनाने की जरूरत है और ऐसा करने के लिए शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालना पड़ेगा। आप पूरे दिन पानी पी कर ऐसा आसानी से कर सकते हैं। साथ ही आप चाय में पुदीना, लौंग और अदरक मिलाकर अतिरिक्त आराम पा सकते हैं। साथ ही भोजन बनाने के दौरान खाने में हल्दी, काली मिर्च, सौंफ, जीरा, धनिया, अदरक और लहसुन भी मिलाएं। साइनसाइटिस को एक अनुशासित और अच्छे आहार के जरिए दूर किया जा सकता है।
आयुर्वेद अपनाए रोग मुक्त रहे |
1. अणु तेल- अणु तेल साइनसाइटिस के उपचार के लिए आयुर्वेद की एक औषधी है। जब आप किसी डाक्टर के पास साइनसाइटिस की समस्या लेकर जाएंगे तो निश्चित तौर पर आपको अणु तेल के इस्तेमाल की सलाह देगा। यह तेल संकुलन को कम करने के लिए जाना जाता है। नाक बंद हो जाने पर यह तेल काफी असरदार होता है। हालांकि शुरू में कुछ समय आप लगातार छींकेंगे और नाक भी बहेगी, पर कुछ दिन बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा।
2. खदीरादी वटी- साइनस इंफैक्शन के उपचार के लिए जाने पर डाक्टर आपको खदीरादी वटी के प्रयोग की सलाह भी दे सकते हैं। मुख्य रूप से डाक्टर जलन को कम करने के लिए इस दवा के सेवन की सलाह देते हैं। इसके अलावा कांचनार गुग्गुल और व्योषादि वटी का इस्तेमाल भी इसी उद्देश्य के लिए किया जाता है।
3. च्यवनप्राश- आयुर्वेद के उपचार में यह एक सामान्य औषधी है। साइनसाइटिस के आयुर्वेदिक उपचार में भी चवनपराश का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए नाक की एलर्जी, शरीर दर्द आदि भी दूर होता है। इसके अलावा शरीर के दर्द के उपचार में अभ्रक भस्म और लक्ष्मी विलास रास का इस्तेमाल भी किया जाता है।
4. चित्रक हरीतकी- यह दवाई लेहया के रूप में उपलब्ध रहती है। यह भी साइनस इंफैक्शन का आयुर्वेदिक उपचार है और डाक्टर के बताए गए निर्देशों के अनुसार इस दवाई का लगातार सेवन करना चाहिए। आमतौर पर दो चम्मच चित्रक हरीतकी को दूध के साथ लिया जाता है।
5. जीवनधारा- यह कपूर और मेंथॉल का मिश्रण है और इसका इस्तेमाल साइनस इंफैक्शन के आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। भांप को सूंघते समय इस दवाई को मिलाया जाता है। अगर एक हफ्ते तक दिन में दो बार इसकी सांस लेंगे तो काफी फायदा पहुंचेगा। इससे निश्चित रूप से आपको काफी आराम पहुंचेगा।
6. मिश्रण- हो सकता है आपका इम्युनिटी सिस्टम उतना मजबूत न हो। तो आपके इम्यूनिटी को बनाने की जरूरत है और ऐसा करने के लिए शरीर से टॉक्सिन को बाहर निकालना पड़ेगा। आप पूरे दिन पानी पी कर ऐसा आसानी से कर सकते हैं। साथ ही आप चाय में पुदीना, लौंग और अदरक मिलाकर अतिरिक्त आराम पा सकते हैं। साथ ही भोजन बनाने के दौरान खाने में हल्दी, काली मिर्च, सौंफ, जीरा, धनिया, अदरक और लहसुन भी मिलाएं। साइनसाइटिस को एक अनुशासित और अच्छे आहार के जरिए दूर किया जा सकता है।
आयुर्वेद अपनाए रोग मुक्त रहे |
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