हर्रे का कपडे से छाना हुआ चूर्ण ५ तोला, शुद्ध जमालघोटा १ तोला दोनों को सेहुंड (थूहर ) के दूध में घोटकर ४-४ रत्ती की गोलिया बना, छाया में सुखाकर रख ले |
मात्रा और अनुपान- १-१ गोली रात को सोते समय गर्म जल या दूध से दे |
गुण और उपयोग – इस वटी के सेवन से सुखपूर्वक १-२ दस्त साफ़ हो जाते हैं |
कदाचित यदि रेचक वटी हज़म भी हो जाये तो यह किसी प्रकार का नुकसान नहीं करती
| विशेषकर आम संचय को यह बहुत शीघ्र नष्ट करती हैं | मन्दाग्नि के कारण आमाशय की शिथिलिता से पेट में विशेष आम-संचय हो जाता हैं | जिससे मल्ल वध्द हो जाता, दस्त खुलकर नहीं होता, पेट या शरीर में आलस्य बना रहता हैं | एसी अवस्था में आमदोष दूर करने के लिए इस वटी का उपयोग करना चाहिए |
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