
घटकद्र्व्य : प्रति ग्राम में
मार्कण्डिका : ४४६.४० मिलीग्राम
गुलाबकली : १४२.८० मिलीग्राम
यष्टिमधु : १४२.८० मिलीग्राम
यवानी : ५५.७० मिलीग्राम
शुंठी : ४४.६० मिलीग्राम
सौवचर्ल लवण : ४४.६० मिलीग्राम
शतपुष्पा : ४४.६० मिलीग्राम
विडंग : ४४.६० मिलीग्राम
वचा : ३४.५० मिलीग्राम
बनाने की विधि : सारे द्रव्य को अच्छी तरह साफ़ करके कूट छान के चूर्ण बना ले और इसका सेवन करे
गुण व उपयोग :
• सोनमुखी के कार्यकारी तत्व सेनोसाइड ‘अ’ तथा ‘ब’ प्रभावी सुखविरेचक हैं तथा आंतो की पुरस्सरण गति को बढ़ता हैं !
• यष्टिमधु, गुलाबकली मल त्याग करना सुगम बनता हैं
• विडंग कृमिनाशक हैं
• वचा अनुलोमक हैं
• सारे चूर्ण का मिश्रण मलावरोध को दूर करने में सहायक हैं
अनुपान व मात्रा : १ से २ चम्मच रात को सोते समय गर्म पानी से ले
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