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Thursday, 1 February 2018

शुक्र स्रिति वृद्धिकर (वानरी वटी) : शीघ्रपतन से पाए निजात



शीघ्र स्खलन या प्रीमेच्योर इजीकुलेशन एक आम यौन समस्या है। इसमें पुरुष की जननेंद्रिय सामान्य रूप से उत्तेजित तो होती है पर बहुत जल्दी ही वीर्य स्खलन हो जाता है। इससे पुरुष का सेक्स जीवन तनावग्रस्त हो जाता है। उसे यौन संतुष्टि नहीं मिल पाती है और न ही वह अपनी पत्नी या साथी को यौन सुख दे पाता है। हालांकि यह विवाद का विषय है कि कितनी देर में स्खलन को शीघ्र स्खलन कहा जाए। कई बार ज्यादा उत्तेजना की वजह से,फोरप्ले से पहले के उत्तेजना के क्षणों में, लंबे समय से सेक्स से वंचित रहने के बाद यौन संसर्ग के दौरान शीघ्र स्खलन की समस्या आ सकती है।
#शीघ्रस्खलन पूरी तरह मनोवैज्ञानिक समस्या है। डॉक्टर शीघ्र स्खलन की समस्या दूर करने के लिए दवा से ज्यादा व्यायाम का सहारा लेते हैं। ट्रेंड सेक्सुअल थेरेपिस्ट पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज की सलाह देते हैं। इसमें पेडू की मांसपेशियों को पहले सिकोड़ा जाता है और फिर दस गिनने तक इसी अवस्था में रखा जाता है। फिर छोड़ दिया जाता है। फि र मांसपेशियों को ढीला छोड़ दिया जाता है। यह क्रिया छह हफ्ते करने की सलाह दी जाती है। हालांकि इसकी उपयोगिता के बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है।
पर कौंचबीज का पाक आपको शीघ्रपतन की समस्या में निजात दिलाने में सहायक हैं ! नित्य सेवन से आप इसकी समस्या से निजात पा सकते हैं
घटक: प्रति ५ ग्राम में 
कौंचबीज – १.५६ ग्राम 
शर्करा – आवश्यकतानुसार
 #कौंचबीज शुक्राणु बर्धक हैं 
• कौंचबीज नायट्रिक उत्सर्जन करने वाला एवं चेतन तन्तुवो का पोषण करने वाला साथ ही साथ लिंग में उत्तेजना प्रदान करने वाला हैं 
• कौंचबीज कामेच्छा को बढ़ने वाला हैं 
• कौंचबीज का प्रमुख घटक एल-डोपा देर तक शिश्न को उत्थित अवस्था में रखता हैं ! 
• यह कामोतेज्न्ना के समय वीर्यपात को जल्दी होने से रोकता हैं साथ ही साथ शिश्न की दृढ़ता बनाये रखता हैं !
गुण और उपयोग: 
शुक्राण अल्पता, कामेक्षा का आभाव, लिंगशैथिल्य, इतियादी में लाभदायक
मात्रा: १-२ चम्मच दिन में दो बार
बानने की विधि : सर्वप्रथम कौंच के बीजो का चूर्ण बना ले | अब इस चूर्ण को गाय के दूध में मिलाकर भजिये के घोल की तरह गाढ़ा घोल तैयार कर ले | कड़ाही में घी डालकर गर्म करे और मंद आँच पर पर घोल डालकर छोटी – छोटी पकोड़ियाँ उतार ले | ध्यान दे – इनको अच्छी तरह सेकना है | अब एक बर्तन में मिश्री की चाशनी तैयार कर ले और उतारी हुई पकोड़ियों को चाशनी में डालदे | जब पकोड़ियाँ अच्छी तरह चाशनी को सोख ले , तब इनको एक जार में इकट्ठा कर ले | अब ऊपर से इस जार में शहद भर दे और ढक्कन अच्छी तरह बंद कर दे | इन पकोड़ियों को शहद में 3 या 4 दिन तक डूबा रहने दे | 4 दिन पश्चात इनका सेवन शुरू करे | अपनी पाचन शक्ति के अनुसार या 20 से 25 ग्राम पकोड़ियों को अच्छी तरह चबा – चबा कर सुबह – शाम सेवन करे | इसका सेवन 2 महीने तक कर सकते है
अगर आप पर्सनल प्रॉब्लम की समस्या से परेशान हैं तो संपर्क करे - +91-8010064377

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