आयुर्वेद और हमारी प्रकृति

आयुर्वेद प्रकृति में उपस्थित उन द्रव्यों का समावास हैं जिससे मनुष्य समायोजित एवं क्रमबद्ध सदुपयोग से सुरक्षित स्वास्थ्य प्राप्त कर सकता हैं | आइये जाने क्या हैं ये द्रव्य और कब करे इनका प्रयोग ?

जाने आयुर्वेद और उसकी महत्ता

आयुर्वेद एक प्राचीनतम उपचार हैं जो सदियो से चली आ रही हैं | इसका महत्व दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा हैं | इसी संदर्भ में हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपचार और उसकी महत्ता को बताने जा रहे हैं | आइये जाने क्या हैं ये ?

स्वावलंबन और नियमितता की परख हैं आयुर्वेद

आयुर्वेद स्वावलंबन एवं नियमितता की परख हैं | इसके गुणधर्म मनुष्य के शरीर को आन्तरिक और बाह्य दोनों ही रूप से लोकिक बनाता हैं | परन्तु इसके लिए नियमितता और स्वव्लाम्बिता अनिवार्य हैं | स्वावलंबी बने स्वस्थ्य रहे

स्वस्थ्य शरीर में सिर्फ आत्मा ही नहीं परमात्मा बसते हैं

अति सुन्दर बचन "मूरख के लिए धन और गुणी के लिए स्वास्थ्य" समान कोई संचय नहीं हैं | एक स्वस्थ शरीर ने एक स्वस्थ आत्मा का निवास होता हैं | आयुर्वेद अपनाये स्वस्थ्य रहे सुरक्षित रहे |

सरल हैं स्वास्थ्य सहेजना

नित्य क्रिया में उपयोग होने वाली वस्तुये किस प्रकार आपके लिए उपयोगी हैं, कब और कितनी मात्रा में इसका उपयोग करे ? ये आयुर्वेद आपको बताता हैं | अत: सहज और सरल हैं आयुर्वेद, और उतना ही उपयोगी हैं |

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Wednesday, 30 May 2018

पेशाब में जलन का आयुर्वेदिक उपचार – Home Remedy for Painful Urination

दिनचर्या में परिवर्तन और खान-पान की अनिमियतता कई सारी बिमारिओ का कारण  बन रही हैं ! इमसे से एक मुख्य कारण पेशाब में जलन, बदबू, पीलापन इत्यादि हैं । सबसे ज्यादा समस्या पेशाब में जलन की पायी गयी हैं । महिलाएं और पुरूष दोनों ही इस परेशानी से परेशान हैं। एैसे में यदि हम इसको नजरंदाज करते हैं तो इससे हमारी समस्या और भी बढ़ सकती है । अगर आपको इस जलन का कारण का पता वक्त रहते चल जाए तो आप इसका निवारण कर सकते हैं | अगर जलन ज्यादे हैं या पीलापन, या खूनी पेसाब आ रही हैं तो आप शीघ्र किसी नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करे - 

हम आप लोगो को बताने जा रहे हैं कि आखिर पेशाब में जलन का क्या-२ कारण हो सकते हैं ?

Painful Urination पेशाब में जलन (यूरिन इन्फेक्शन) के लक्षण और इलाज

  • पेशाब का रंग पीला होना
  • बार—बार पेशाब का आना
  • यूरिन से बदबू का आना
  • पेशाब करते समय दर्द का होना
  •  बूद बूंद करके पेशाब का आना          
  • पेशाब कम आना आदि ।

यूरिन इन्फेक्शन के मुख्य कारण- causes of painful urination

पानी का कम पीना

मनुष्य को एक दिन में कम से कम ५ लीटर पानी पीना चाहिए | शरीर में पानी की मात्रा सबसे ज्यदा  रहती है । लेकिन जब ये पानी कम होने लगता है तब हमारे शरीर के अंदर अनबलेंस होकर विषैले पदार्थ जमने लगते हैं और ये मूत्र मार्ग को रोकने का काम करते हैं और एैसे में पेशाब करते वक्त जलन होने लगती है । इस समस्या का मुख्य कारण है हमारा पानी का कम पीना। तो नित्य आपको ५ से ७ लीटर पानी पिए

इन्फेक्शन का होना (urinary tract infection )

बहुत कम लोगों को पता होगा की जब मूत्रमार्ग में किसी तरह का कोई इन्फेक्शन होता है तब भी पेशाब में जलन की समस्या होती है। इस इन्फेक्शन को UTI कहा जाता है । जब ये समस्या बढ़ती है तब पेशाब संबंधी अन्य रोग होने के चांसेस रहते हैं ।

पथरी

बहुत लोग आजकल पथरी की समस्या से परेशान है । और पथरी (Stones) होना एक आम बात सी हो गई है। पानी लोग कम पीते हैं और जंक फूड अधिक सेवन करते हैं । एैसे में पथरी हमारी किड़नी और मूत्र मार्ग में बनने लगती है और फिर वही पेशाब की जलन वाली परेशानी हो जाती है। युवा लोग पथरी से अधिक परेशान हो रहे हैं ।अथ: जंक फ़ूड का त्याग करे

शुगर

शुगर यानि की मधुमेह । भारत में सबसे अधिक लोग डायबिटीज से परेशान हैं । और मूत्र मार्ग में जलन भी इस बीमारी का मुख्य कारण हो सकता है। क्योंकि डायबिटीज होने से हमारे शरीर में मौजूद लीवर ठीक प्रकार से काम नहीं कर पाता है। और फिर इंसान को कमजोरी आने लगती है।

पेट का घाव

जी हां पेट में होने वाले घाव या छाले को पेट में अल्सर के नाम से जाना जाता है। और ये भी एक बड़ा कारण है मूत्र में जलन होने का। तंम्बाकू, गुटका अधिक मिर्च मसाले खाने वाले लोगों को पेशाब करते वक्त जलन की समस्या हो सकती है।

यौन रोग

आपको जानकर हैरानी होगी की इस समस्या का एक मुख्य कारण है यौन रोग या फिर किसी भी तरह का कोई इन्फेक्शन। एैसे में आपको डॉक्टर से अपनी जांच करवानी चाहिए।

पेशाब की जलन से निजात पाने का घरेलू उपचार

नारियल का पानी

नारियल का पानी पेशाब के जलन का रामबाण हैं !  यदि आपको इस समस्या से परेशानी हो रही हो तो कुछ दिनों तक नियमित आप नारियल का ठंडा पानी का सेवन करे  । इससे शरीर के गंदे और विषैले पदार्थ पेशाब मार्ग से बाहर निकल जाते हैं। आप चाहें तो ​नारियल पानी में थोड़ा सा गुड और धनिया पाउडर भी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं  

गेंहू से उपचार

एक प्राकृतिक फाइबर का स्त्रोत है गेंहू । जी हां ये हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। यदि आप एक कटोरी गेंहू रात के समय में भिगों कर सुबह इसे पीसकर इससे हलावा बनाकर खाते हैं तो इससे आपके पेशाब में होने वाली जलन दूर हो जाएगी ।हलवे को देसी घी में बनाने से और फायदेमंद माना जाता हैं !

Saturday, 26 May 2018

बवासीर – ना कहा जाये , ना सहा जाए - Bawaseer Treatment in Hindi

बवासीर एक ऐसी बीमारी हैं , जो ना कहा जाता ना सहा जाता, दिन बिगड़ने वाली बीमारी यह सुमार हैं ! कुछ लोग इसको अंदर ही अंदर लेके ढोते हैं , ना वो शर्म के मारे किसी से कह पाते और ना ही इसको सह पाते , मॉल द्वार में इतना दर्द रहता हैं की ठीक से बैठ भी नहीं सकते ! लेकिन दोस्तों घबराने की अब बिलकुल जरूरत नहीं हैं , कुछ खानपान में बदलाव – या पहले से हुई खानपान की अनिमियतता हुए बबशीर रोग का निस्तारण बताने जा रहा हु \ अपनाने के स्वस्थ रहे मस्त रहे – तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं !

बवासीर में छाछ सर्वोत्तम माना गया है, यह बबासीर को जड़ से नाश करता हैं  । दोपहर में  भोजन केपश्चात  छाछ में डेढ़ से २ ग्राम पीसी हुई अजवायन और एक ग्राम काला नमक मिलाकर पीने से बवासीर नष्ट होता हैं या नष्ट हुए बबासीर के मस्से पुन: उत्प्न्न नही होते । इसके साथ ही साथ  में मूली का सेवन  बवासीर में रामबाण का काम करता हैं , मूली को पत्तो सहित हर रोज़ खाने से बवासीर में तुरंत आराम मिलता है.

यह तेल बवासीर (Piles) के मस्सो को सुखा के रख देंगा

एरंडी के तेल जिसे सामान्य भाषा में रेंड का तेल भी बोलते हैं को थोड़ा हलकी आंच पे गर्म कर उतार कर उसमे कपूर मिलाकर अच्छी तरह से घोल ले । कपूर और तेल में 1 : 8 का अनुपात होना चाहिए | अगर कपूर 10 ग्राम हो तो तेल 80 ग्राम ले ,
मल त्याग  करने के बाद मस्सो को साफ़ पानी से  धोकर पोछ ले और  इस तेल को दिन में कम से कम दो बार नर्मी से मस्सो पर मलें की मस्सो कि यह पूरी तरह शोषित हो जायें। इस तेल की नर्मी से मालिश से मस्सो की तीव्र शोथ, दर्द, जलन, चुभन दूर होती हैं  और निरंतर प्रयोग से मस्सो खुश्क हो जाते है।
कभी-कभी बवासीर के मस्से सूजकर मोटे हो जाते है और गुदा से बाहर निकल आते है जिसको अक्सर उंगुली से अनादर करना पड़ता हैं । ऐसी अवस्था में यदि उन पर इस तेल को लगाकर अंदर किया जाये तो दर्द नही होता और मस्से नरम होकर आसानी से गुदा के अंदर प्रवेश हो जाते है।

उपचार के साथ-२

  1.  बवासीर  उग्र अवस्था में भोजन में दही ,चावल, मूंग की खिचड़ी  ले । देसी घी प्रयोग में लाएं लेकिन अधिकता से बचे । मल को सख्त और कब्ज न होने दे । अधिक तेज मिर्च-मसालेदार, उत्तेजक और गरिष्ठ पदार्थो के सेवन से बचे । पानी का भरपूर सेवन करे |
  2.   खुनी बवासीर में छाछ या दही के साथ कच्चा प्याज  या पीसी हुयी प्याज की चटनी  खाये लाभ मिलेगा ।
  3.  रक्तस्रावी बवासीर में दोपहर में भोजन के १ से २ घटे पपीता खाना हितकारी माना गया है ।
  4.   बवासीर चाहे कैसी भी हो बड़ी हो अथवा खुनी, या बादी । कच्ची मूली पत्ती सहित खाया जाये  या इसके रस का सेवन ३० ml किया जाये तो कुछ दिनो के  सेवन में ही बवासीर के अतिरिक्त रक्त या पेट  के दोषो से मुक्ति मिलती हैं
सावधान
  1. बवासीर के रोगी, गुदा को गर्म पानी से न धोएं । खासकर जब तेज गर्मियों के मौसम में छत की टंकियों व नलों से बहुत गर्म पानी आता है तब गुदा को उस गर्म पानी से धोने से बचना चाहिए ।
  2. बवासीर एक बार ठीक हो जाने के बाद अत्यधिक मिर्च-मसाले, गरिष्ठ और उत्तेजक पदार्थो का सेवन से बचे  नहीं तो उसके दुबारा होने की संभावना रहती है ।



बालों समस्या का आयुर्वेदिक उपचार - Ayurvedic Treatment for Hair Fall in Hindi


शुक्ला जी अपने बालो को लेकर बहुत चितित दिखे – बेचारे करे क्या ? शादी तय होने का नाम ही नहीं, कभी कभार तय भी हो गयी तो लड़की ही शादी करने से इनकार कर देती , अब तो नामकरण भी कुछ ऐसे होने लगे थे शुक्ला जी के २५ के उम्र में कोई अंकल, कोई दादा जी और कोई ताऊ जी के नाम से बुलाने लगा

शुक्ला जी ने हेयर ट्रांसप्लांट (Hair Transplant) कराने की सोची , लेकिन इसके साइडइफ़ेक्ट को लेकर भी वो चिंतित रहते, उनको डर भी सताता था कि ये ट्रांस्पलांट कोई नुक्सान तो नहीं पहुचने वाला, पता नहीं पर कुछ हद तक तो वो सही थे , आखिर प्राकृतिक तो प्राकृतिक होता हैं |

खैर जिस गलतिओ को शुक्ला जी दोहरा चुके थे आप बिलकुल भी ना दोहराए नहीं तो २५ के उम्र में कही बच्चे – चाचा जी ना बोलने लगे


देखिये बाल गिरने का कारण कोई एक नहीं बल्कि कई कारण होते हैं  जैसे- तनाव, इन्फेक्शन, हार्मोन्स का असंतुलन, अपर्याप्त पोषण, विटामिन और पोषक पदार्थों की कमी, दवाओं के साइड इफेक्ट्स, खानपान में लापरवाही या बालों की सही देखभाल न होना, अप्राकृतिक  शैम्पू का प्रयोग इत्यादि ।
परन्तु कुछ सावधानी और सजगता से बालो को झड़ने से रोका जा सकता हैं – आईये जाने बोलो को झड़ने से कैसे रोके , वक्त से पहले गंजापन कसे दूर करे

 बालों के झड़ने के लिए आयुर्वेदिक उपचार क्या हैं उनको जाने ( Ayurvedic hair fall treatment in Hindi)
  • शहद कई बीमारियों को दूर वाला रामबाण माना जाता हैं । इसके  प्रयोग से बालों का झडऩा भी रोका जा सकता है।
  • दालचीनी भी एक सफल औषधि हैं जिससे  बालों की समस्या को दूर कर सकते  है। आयुर्वेद के अनुसार दालचीनी और शहद के मिश्रण से कई बीमारियों का इलाज किया जा सकता है ।
  • अगर बाल तेजी से झड़ रहे  हैं, तो गरम जैतून के तेल में १ चम्मच शहद और १ चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर उनका पेस्ट बना ले  तथा नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर बालो के जड़ो में लगा लें और कुछ समय बाद सिर को साफ़ पानी से धो लें। इससे बालों की समस्या से निजात मिलेगी।
  •  बालों की आम समस्या (General Problem of hair fall) जैसे-बालो का गिरना, सफेद बाल, डैण्ड्रफ, सिर की त्वचा के रोग , गर्मियो में सर में फुंसी निकलना, इत्यादि शामिल हैं। लेकिन बालों की समस्या को थोड़ी सावधानी बरतकर आसानी से दूर की जा  सकती है।
  • पुराने समय के लोगो के बाल  मजबूत तथा स्वस्थ दीखते होंगे क्योकि वो बालो की जडो में रोजना तेल का मालिस किया करते थे ,तेल से मालिश आवश्यक है। सर की मालिश करने से बालों की जड़ो को पोषण मिलता है और बालों के झड़ने में कमी आती है।
  • सबसे शानदार और असरकारक उपाय- सरसो के तेल में मेहंदी की पत्ती गर्म करें, गर्म लोहे की कढाइ में करे फिर इसको ठंडा कर के बालों में लगायें, इससे बालों का झड़ना बिलकुल रूक जायेगा ।
  • आँवला और शिकाकाई को प्रॉपर अनुपात में  दही में मिलाए। और इस  मिश्रण को बालों में लगाने से बालों की डीप कंडीशनिंग होती है।
  • बालों की देखभाल के साथ-साथ खाने-पीने का भी खास ध्यान रखना आवश्यक हैं । फलों और सब्जि़यों का सेवन ज्यदा से ज्यादा  करें। शहद में अंडा मिलाकर लगाना भी बालों की सेहतमंद माना जाता हैं । लेकिन गर्मियो में इसके प्रयोग से बचे |
  • नीम और बेर की पत्तियों को पीसकर नींबू डालकर लगाने से बालों का झड़ना बंद हो जाता हैं।
  • बड़ (बरगद)  के दूध में नींबू का रस मिलाकर निरंतर लगाने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है।


Tuesday, 22 May 2018

शीघ्रपतन ( Premature Ejaculation ) की समस्या से निजात पाने का चमत्कारी एवं सरल उपाय

अकसर आपकी पत्नी या गर्ल फ्रेंड इस बात की उलाहना देती होगी कि चरमोत्कर्ष से पूर्व आपका स्खंलन हो जाता हैं , देखिये वैसे तो ये कोई बीमारी के श्रेणी में आता तो नहीं हैं , बस कुछ खानपान की अनमीयतता या दिन-भर की तनाव के कारण यह समस्या उतन्न्प्न हो जाती हैं ! इस समस्या में सिर्फ आप ही एक भागी नहीं हैं जबकि लगभग ९०% लोग भारत में और लगभग ७० % लोग विश्व में इस समस्या से जूझ रहे हैं तो यह साफ़ हैं , कि यह समस्या बीमारी तो नहीं, लेकिन हां ! कुछ खानपान में सुधार और घरेलू नुक्सो से इसपर पूर्ण रूप से काबू पा सकते हैं , तो आइये जाने क्या हैं ये -

1. हरे प्याज के बीज:
हरे प्याज के बीजों के सेवन से पुरुष शीघ्रपतन की समस्या को काफी हद तक दूर होती हैं । हरे प्याज के बीजों में मौजूद कामोद्दीपक (aphrodisiac) गुण शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा दिलाने में रामबाण हैं । प्याज के बीजों को पीस कर पानी में अच्छे से मिला लें । इस मिश्रण का सेवन खाना खाने से पहले रोजाना दिन में तीन बार करें । यह दीपन पाचन में भी सहायक हैं  !
2. अश्वगंधा का जड़ :
आयुर्वेद में अश्वगंधा पुरुषों में यौन समस्याओं को दूर करने के लिए सबसे लाभदायक माना गया  है। इस जड़ी बूटी में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पुरुषों के अंगों को बल देते है और साथ ही साथ स्टेमिना को भी बढाते हैं । यह प्राकृतिक काम शक्ति बढाने वाले औषधि मानी जाने वाली हैं | अश्वगंधा का सेवन शीघ्रपतन के समस्या के लिए भी फायदेमंद साबित होता है । बाजार में अश्वगंधा चूर्ण और कैप्स्यूल के रूप में उपलब्ध होता है । इसका सेवन करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरुर लें । क्योकि गुण धर्म में इसको गर्म माना जाता हैं !
3. शहद और अदरक का मिश्रण:
शहद और अदरक का मिश्रण साथ साथ सेवन से शीघ्र पतन को दूर करने का एक बहुत ही कारगर तरीका माना गया है। अदरक के सेवन से लिंग में रक्त-संचार की प्रकिया तेज़ और मात्रा ज्यादा हो जाती है, जो वीर्य स्खलन की नियंत्रित करने में काफी हद तक मददगार साबित होता है । शहद भी एक प्राकृतिक एफ्रोसोडिएक माना जाता है और अदरक के साथ मिश्रित होने पर इसकी गुणवत्ता और भी बढ़ जाती है । एक चम्मच शहद और उतनी ही मात्रा में अदरक का सेवन साथ-साथ करने से बहुत जल्दी तो नहीं पर कुछ दिनों बाद फर्क जरुर नजर आएगा।
4. लहसुन:
लहसुन एक चमत्कारी गुड धर्म वाला सब्जी हैं इसके  का सेवन लिंग में रक्त-संचार को बढता है । जो शीघ्रपतन की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए रामबाण का काम करता है। शीघ्रपतन और स्तम्भन दोष (ERECTILE DYSFUNCTION) की समस्या से निजात पाने के लिए रोजाना लहसुन की 3-4 कलियां खाएं , थोड़ी अंकुरित लहसुन और फायदेमंद हैं ।
5. गाजर, अंडा और शहद:
एक कम उबला अंडा ले और उसे महीन  किये हुए गाजर में मिला लें । अब इस मिश्रण में तीन से चार चम्मच शहद डालें और अच्छे से मिला लें । तीन माह तक रोजाना इस मिश्रण का सेवन करने से शीघ्रपतन समस्या में बहुत लाभ मिलेगा । एक बार जब आपको लगे की आपकी स्थिति में सुधार हुआ है तो धीरे-धीरे अंडे का सेवन बंद कर दें !


Monday, 14 May 2018

जानिये उल्टी Vomiting रोकने का घरेलू उपचार

गर्मिओ में अपच या तैलीय पदार्थ खा लेने से जी मिचलाना या उल्टी होने की सम्भावना सबसे ज्यादे रहती हैं  , गर्मी से भोजन सही से पचता नहीं हैं जिसके कारण लोग अक्सर उल्टी होने वाली हैं या जी मिचला रहा हैं कि शिकायत करते हैं ! तो आज मैं आपको उल्टी या जी मिचलाने से बचने का पूर्ण आयुर्वेदिक उपचार बताने जा रहा हु | जिसके सेवन से आप उल्टी होने की समस्या से निजात पा सकते हैं !
उल्टियों को बंद करने के लिए एक बहुत ही बेहतरीन उपाय है और वह है किसी कार्बोनेट रहित सिरप का एक या दो चम्मच सेवन करना। इससे पाचन क्रिया में राहत मिलती है और उल्टियाँ बंद हो जाती हैं। ऐसे सिरप में कार्बोहाइड्रेट मौजूद होते हैं जो पेट को ठंढक भी मिलती हैं !
इसके अलावा आप  अदरक और उसकी जड़ को कैप्सूल बना के प्रयोग कर सकते हैं या अदरक वाली चाय का सेवन भी कर सकते हैं। अदरक में पाचनक्रिया अग्नि को बढ़ाने की क्षमता होती है, और यह उदर में से हो रहे भोजन-नली को परेशान करनेवाले उस  अनावश्यक स्राव में बाधा पैदा करता है, जिस स्राव से उल्टियाँ होती हैं।
कुछ अन्य में 1 ग्राम हरड का चूर्ण शहद के साथ चटाने से भी उल्टियाँ रोकने में मदद मिलती है । एक और बेहतर और आसान उपचार आप अपनी उंगलियाँ धोकर एक ही बार अपने गले में घुसाकर पेट में जमा हुए पदार्थों को उल्टी के ज़रिये  बाहर निकाल दें, ताकि उल्टी अंदर जमा न रहने पाए, और आपको पूर्ण आराम मिल जाये !

आप एक दो लौंग अपने मुंह में रख सकते हैं, अगर लौंग न हो तो  लौंग के बदले दालचीनी या इलायची भी रख सकते हैं। यह मसाले उल्टियाँ विरोधक औषधियों का काम करते हैं और उल्टियाँ रोकने का यह बहुत ही असरदार उपचार होता है। सात अजवाइन , पेपरमिंट और कर्पूर का द्राव 15-20  बूँद तक की मात्रा में मिलाकर पिलाने से भी उल्टियाँ तुरंत रुक जाती हैं।
नींबू का टुकड़ा काले नमक के साथ अपने मुंह में रखने से आपको उल्टी का एहसास नहीं होगा । काला नामक पाचक माना जाता हैं वही निम्बू में एसिड होता हैं ! जो आपके अपच को दूर करता हैं ! अगर आपने नशा  किया है और आप नहीं चाहते कि आपको उल्टी आये, तो इस परिस्थिति में आप सादी पाव-रोटी खाएं । पाव-रोटी आपकी पाचन क्रिया को संभालती है और आपके द्वारा सेवन की हुई मदिरा को आसानी से निशातारित करती है।

उल्टियाँ होने से 12 घंटो बाद तक ठोस भोजन का सेवन न करें, परन्तु भरपूर पानी और फलों के रस का सेवन करते रहें ।जब भी पानी पियें तो सादा पानी का ही सेवन करे  । बाज़ार में उपलब्ध कार्बन युक्त शीत पेयों का सेवन करने से बचे  क्योंकि यह आपकी आँतों और उदर की जलन को बढ़ा देता  हैं।
तैलीय, मसालेदार, भारी और मुश्किल से पचने वाले खान पान का सेवन न करें क्योंकि ऐसे खाद्य पदार्थ मरीज में उल्टियों का निर्माण करते हैं एवं उसे बढ़ावा देते हैं। खाने खाने के  तुंरत बाद न सोयें थोडा टहल ले । जब भी सोयें तो अपनी दाहिनी करवट पर सोयें। इससे आपके पेट के पदार्थ मुंह तक नहीं आ सकेंगे।
उल्टियाँ रोकने के लिए जीरा भी एक नैसर्गिक उपचार माना गया है। आधा चम्मच पिसे हुए जीरे का सेवन करने से आपको पूर्ण रूप से उल्टियों से छुटकारा मिल जायेगा।
चावल के पानी से उल्टियों का उपचार एक बहुत ही प्रचलित और प्रमाणित उपचार माना जाता है। आधा कप चावल एक  या डेढ़  कप पानी में उबाल लें । जब चावल पक जाएँ तो चावल निकालकर उस पानी का सेवन करें। इस उल्टियाँ रुक जायेंगी। एक चम्मच प्याज़ का रस नियमित अंतराल में सेवन करने से भी लाभ मिलता है ।
एक ग्लास पानी में शहद मिलाकर पीने से भी उल्टियाँ रुकने में मदद मिलती है ।
इस प्रकार आप उल्टी से निजात पा सकते हैं और गर्मीवो का भी आनंद और स्वास्थ्य दोनों का मजा पा सकते हैं !