आयुर्वेद और हमारी प्रकृति

आयुर्वेद प्रकृति में उपस्थित उन द्रव्यों का समावास हैं जिससे मनुष्य समायोजित एवं क्रमबद्ध सदुपयोग से सुरक्षित स्वास्थ्य प्राप्त कर सकता हैं | आइये जाने क्या हैं ये द्रव्य और कब करे इनका प्रयोग ?

जाने आयुर्वेद और उसकी महत्ता

आयुर्वेद एक प्राचीनतम उपचार हैं जो सदियो से चली आ रही हैं | इसका महत्व दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा हैं | इसी संदर्भ में हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपचार और उसकी महत्ता को बताने जा रहे हैं | आइये जाने क्या हैं ये ?

स्वावलंबन और नियमितता की परख हैं आयुर्वेद

आयुर्वेद स्वावलंबन एवं नियमितता की परख हैं | इसके गुणधर्म मनुष्य के शरीर को आन्तरिक और बाह्य दोनों ही रूप से लोकिक बनाता हैं | परन्तु इसके लिए नियमितता और स्वव्लाम्बिता अनिवार्य हैं | स्वावलंबी बने स्वस्थ्य रहे

स्वस्थ्य शरीर में सिर्फ आत्मा ही नहीं परमात्मा बसते हैं

अति सुन्दर बचन "मूरख के लिए धन और गुणी के लिए स्वास्थ्य" समान कोई संचय नहीं हैं | एक स्वस्थ शरीर ने एक स्वस्थ आत्मा का निवास होता हैं | आयुर्वेद अपनाये स्वस्थ्य रहे सुरक्षित रहे |

सरल हैं स्वास्थ्य सहेजना

नित्य क्रिया में उपयोग होने वाली वस्तुये किस प्रकार आपके लिए उपयोगी हैं, कब और कितनी मात्रा में इसका उपयोग करे ? ये आयुर्वेद आपको बताता हैं | अत: सहज और सरल हैं आयुर्वेद, और उतना ही उपयोगी हैं |

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Saturday, 29 December 2018

सुजाक रोग के लक्षण और प्राकृतिक उपचार - How to beat Gonorrhea naturally ?

सुजाक  रोग (Gonorrhea) असुरक्षित यौन सम्बन्ध, या भिन्न-२ पार्टनर से यौन सम्बन्ध बनाने से फैलता हैं   |जिसके फलस्वरुप स्त्री या पुरुष के योनि मार्ग से एक पीला पदार्थ के रूप में बाहर आता है और दूसरे संभोग करने वाले को भी संक्रमित कर देता है, या फिर स्त्री पुरुष के प्राइवेट पार्ट में सुजन भी हो सकता हैं, साथ ही साथ मूत्र में जलन भी हो सकती हैं, या योनी में खुजली हो सकती है



गानोरिआ (सुजाक ) क्या हैं ? 
सुजाक एक संक्रामक यौन रोग हैं | सुजाक गानोरिआ नामक जीवाणु से होता है जो महिला तथा पुरुषों में प्रजनन मार्ग के गर्म तथा गीले क्षेत्र में आसानी और बड़ी तेजी से बढ़ती है। इसके जीवाणु मुंह, गला, आंख तथा गुदा में भी बढ़ते हैं। उपदंश की तरह यह भी एक संक्रामक रोग है अतः उन्ही स्त्री-पुरुषों को होता है जो इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति से यौन संपर्क करते हैं पोस्ट by कृष्ण कुमार डाबर
सुजाक रोग में चूँकि लिंगेन्द्रिय के अंदर घाव हो जाता है और इससे पस निकलता है अतः इसे हिंदी में 'पूयमेह ' , औपसर्गिक पूयमेह और ' परमा ' कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में गोनोरिया (gonorrhoea ) कहते हैं। पश्चिमी देशों में इसे क्लेप (clap ) के नाम से भी जाना जाता है
सुजाक लिंग, योनि, मुंह या गुदा के संपर्क से फैल सकता है। सुजाक प्रसव के दौरान मां से बच्चे को भी लग सकती है।

गानोरिआ (सुजाक ) के लक्षण 
किसी भी यौन सक्रिय व्यक्ति में सुजाक की बीमारी हो सकती है। जबकि कई पुरुषों में सुजाक के कोई लक्षण दिखाई नहीं पड़ते तथा कुछ पुरुषों में संक्रमण के बाद दो से पांच दिनों के भीतर कुछ संकेत या लक्षण दिखाई पड़ते हैं। कभी कभी लक्षण दिखाई देने में 30 दिन भी लग जाते हैं। इनके लक्षण हैं- पेशाब करते समय जलन, लिंग से सफेद, पीला या हरा स्राव। कभी-कभी सुजाक वाले व्यक्ति को अंडग्रंथि में दर्द होता है या वह सूज जाता है। महिलाओं में सुजाक के लक्षण काफी कम होते हैं। आरंभ में महिला को पेशाब करते समय दर्द या जलन होती है, योनि से अधिक मात्रा में स्राव निकलता है या मासिक धर्म के बीच योनि से खून निकलता है।

गानोरिआ (सुजाक ) के प्रभाव
यदि गर्भवती महिला को सुजाक है तो बच्चे को भी सुजाक (गानोरिया) हो सकता है क्योंकि बच्चा प्रसव के दौरान जन्म नलिका (बर्थ कैनल) से गुजरता है। इससे बच्चा अंधा हो सकता है, उसके जोड़ों में संक्रमण हो सकता है या बच्चे को रक्त का ऐसा संक्रमण हो सकता हो जिससे उसके जीवन को खतरा हो सकता है। गर्भवती महिला को जैसे ही पता चले कि उसे सुजाक (गानोरिया) है तो उसका उपचार कराया जाना चाहिए जिससे इस प्रकार की जटिलताओं को कम किया जा सके। गर्भवती महिला को चाहिए कि वे स्वास्थ्य कार्यकर्ता से परामर्श करके सही परीक्षण, जांच और आवश्यक उपचार करवाए।

कैसे करे गानोरिआ (सुजाक) का रोकथाम 
इस बीमारी से बचने का सबसे पक्का तरीका है कि संभोग न किया जाए या फिर ऐसे साथी के साथ आपसी एक संगी संबंध रखा जाए जिसे यह बीमारी नहीं है।
अस्तु सुजाक पीड़ित स्त्री अथवा ऋतुमति स्त्री के साथ समागन सेक्स करने से यह रोग हो जाता है समागन करने के पश्चात दूसरे-तीसरे दिन मूत्र नालिका लाल एवं शोथ युक्त हो जाती है और उसमें दाह होता है मूत्र पीड़ासहित दाह पूर्वक आता है कभी रक्तमिश्रित मूत्र आता है कभी जननांग शोथ युक्त हो कर ऐसी पीड़ा युक्त हो जाता है कि किंचित वस्त्र का स्पर्श हो जाए तो पीड़ा करने लगता है रोग बहुत कठिन लेकिन
उपचार बहुत ही सरल बताया जा रहा है

रोग के प्रारंभ में उपयोगी औषधियां 

  1. जैसे----खीरा - ककड़ी के बीज खरबूजा के बीज और गोखरू प्रत्येक ३ माशा एक गिलास जल में पीसकर शीरा निकाल कर ४ तोला शर्बत बजूरी मिलाकर सबेरे - शाम पीये लाभ मिलेगा 
  2. नवीन सूजाक में उपयोगी योगौषधि - - -वशंलोचन, बडी इलायची का दाना, सत बिहरोजा, कबाब चीनी, प्रत्येक ६ माशा मिश्री २ तोला सबको ,कूट - छानकर  महीन करके थोड़ा थोड़ा चन्दन का तेल मिलाकर खरल करें और चीनी के प्याले में रख लेवें इस में से २ - २ माशासुबह साम दुग्ध के साथ लेने से किसी चमत्कार की तरह पूरा आराम मिलता है
  3.  फिटकरी भ्रष्ट १०० ग्राम , गेरू शुद्ध १०० ग्राम दोनों को कूट छान के महीन कर लें और सुबह शाम ७ - ७ माशा उपरोक्त नं १ के साथ सेवन करने से रोगी कुछ ही दिनों में ही लाभ मिलने लगता हैं !
  4. दूध में बराबर पानी मिलाकर उसे अच्छी तरह फेंट कर बीच में चंदन का तेल चार से पांच बूंद डालकर पीने से लिंग सुजाक रोग से छुटकारा मिलता है


Friday, 28 December 2018

लवण भास्कर चूर्ण अब बनाये अपने घर पे - Lavan Bhaskar Churn

आयुर्वेद में लवण भास्कर चूर्ण खाने को पचाने में एक बेहतरीन योग मना जाता है इसे सर्वप्रथम आचार्य भास्कर ने बनाया था. आयुर्वेद को अनेक संज्ञाएँ दी जाती है जैसेकि आयुर्वेद को जीवन का वेद माना जाता है क्योकि ये व्यक्ति को निरोगी रखने के योगों से भरा हुआ है, साथ ही आयुर्वेद हमे हमेशा ये शिक्षा देता है कि निरोगी कैसे रहा जाएँ और अगर कभी कोई रोग शरीर को शिकार बना भी ले तो उसे दूर कैसे किया जाए. आयुर्वेदिक उपचारों की सबसेख़ास बात ये होती है कि उनसे किसी तरह का साइड इफ़ेक्ट नहीं होता. आज आपको एक ऐसे ही आयुवेदिक औषधि से परिचित कराने जा रहे है जो स्वास्थ्य और पाचन तंत्र के लिए काफी लाभदायी  है, जिसे लवण भास्कर चूर्ण के नाम से भी जाना जाता हैं ! इसे आप अपने घर में भी बना सकते हैं अगर आपको आयुर्वेद का ज्ञान हो


लवण भास्कर चूर्ण की खासियत ( Importance of Lavan Bhaskar Churn ) :
इसकी सबसे ख़ास बात ये है कि ये निरापद  है जिसे 1 से 3 ग्राम की मात्रा में लेने पर व्यक्ति की सभी पेट सम्बन्धी समस्याएं दूर हो जाती है. इस औषधि का प्रयोग काँजी, पानी और दही के साथ लिया जाता है किन्तु मट्ठा के साथ लेने पर इसका सर्वाधिक लाभ मिलता है.

लवण भास्कर चूर्ण कैसे करे इस्तेमाल ?
अगर इस चूर्ण को रात के समय गर्म पानी के साथ लिया जाए तो खुलकर शौच आता है, जिससे कब्ज में राहत मिलती है. वहीँ अगर इस चूर्ण में समान मात्रा में पंचसकार चूर्ण मिलाकर प्रयोग किया जाए तो ये दस्त तक लगा देता है जिससे दिन में 3 से 4 बार दस्त आते है और पेट पूरी तरह साफ़ हो जाता है.
इसका सेवन त्वचा सम्बन्धी सभी रोगों से निजात पाने और आम वात रोगों को दूर करने के लिए भी होता है इसके  बेनिफिट्स. भूख बढाने, पेट की वायु को बाहर निकलने, डकार इत्यादि में भी इस चूर्ण का इस्तेमाल फायदेमंद रहता है.

तो आइये जाने इसके बनाने की बिधि एवं सामग्री 
कैसे बनाएं लवण भास्कर चूर्ण ( How to Prepare Lavan Bhaskar Churn ) :

  • - 96 ग्राम : समुद्री नमक
  • - 48 ग्राम : अनार दाना
  • - 24 ग्राम : विडनमक
  • - 24 ग्राम : सेंधा नमक
  • - 24 ग्राम : पीपल
  • - 24 ग्राम : काला जीरा
  • - 24 ग्राम : पिपलामुल
  • - 24 ग्राम : तेजपत्ता
  • - 24 ग्राम : तालीस पत्र
  • - 24 ग्राम : नागकेशर
  • - 24 ग्राम : अम्लवेत
  • - 12 ग्राम : जीरा
  • - 12 ग्राम : काली मिर्च
  • - 12 ग्राम : सौंठ
  • - 06 ग्राम : इलायची
  • - 06 ग्राम : दालचीनी


घर पर बनायें लवण भास्कर पाउडर
सबसे पहली बात तो ये कि उपरलिखित सारी सामग्री किसी भी पंसारी के पास आसानी से मिल जायेगी. इनसे चूर्ण बनाने के लिए आप सबसे पहले सभी सामग्री को छान लें और उसमें नीम्बू का रस मिलाएं. अब इस मिश्रण को छाया में सुखाएं, इस प्रक्रिया को भावना देना भी कहा जाता है. बस इतना मात्र करने से ही आपका लवण भास्कर चूर्ण तैयार हो जाता है.

सावधानिया ( Cautions ) : इस चूर्ण को लेते वक़्त आपको ध्यान रखना है कि उच्च रक्तचाप रोगी और गुर्दे के रोगों से परेशान व्यक्ति इसका सेवन ना करें. डॉक्टर के सलाह से ही सेवन करे

Wednesday, 26 December 2018

पुरुषों की प्रमुख सेक्स एवं शारीरिक समस्याएं Causes of Male Sexual Problem

प्रभु ने प्रकृति की सरचना में स्त्री पुरुष की सरचना काल चक्र को निरंतर चलाने बंशगत बढाने के लिए किया हैं | परन्तु जीवन की आवाधापी, आधुनिकता का विकास ने लोगो की दिनचर्या ही परिवर्तित कर दिया हैं जिससे प्रेम का विलोपन भी होने लगा हैं | प्रेम के बिलोपन शरीर का स्थूल्पन है | आपने सुना होगा की  साल हो गये अभी तक पुत्र की प्राप्ति नहीं हुई, तो यह क्या हैं जी हां शारीरिक दुर्बलता,  यह दुर्बलता पुरुष और स्त्री दोनों में पायी जा सकती हैं | जिसके कारण – नपुंसकता या बाझपन हो सकता हैं | तो आइये जाने पुरुषो में कौन कौन से सेक्स समस्या हो सकती हैं !



पुरुषों की प्रमुख सेक्स एवं शारीरिक समस्याएं (Causes of Male Sexual Problem)
पुरुषों में सेक्स एवं शारीरिक समस्याओं की बात आते ही सबसे पहले उन लोगों पर ध्यान जाता है, जो चाह कर भी सेक्स में रुचि नहीं ले पाते हैं या जिनकी सम्बन्ध बनाने में कोई दिलचस्पी नहीं होती।
टेस्टोस्टेरोन की कमी (Low Testosterone)
सेक्स एवं शारीरिक क्षमता की एक बड़ी वजह हॉरमोन टेस्टोस्टेरोन की कमी होना है। पुरुषों में 40 की उम्र के पार होने पर रक्त में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा में कमी आना एक आम बात है। हार्मोन में कमी उम्र के साथ जुड़ी समस्या है लेकिन कुछ लोग अपनी उम्र की शुरुआत में ही इससे पीड़ित हो जाते हैं। रक्त में टेस्टोस्टेरोन की कमी से शरीर में थकान, दिमागी परिवर्तन, अनिद्रा के साथ ही सेक्स की चाहत में कमी हो जाती है।

शीघ्रपतन (Premature Ejaculation)
यह पुरुषों में होने वाली सामान्‍य सेक्स एवं शारीरिक समस्‍या है । इसमें पुरुष महिला को संतुष्‍ट किये बिना ही स्‍खलित हो जाते हैं, यह सम्बन्ध बनाने से पहले या सम्बन्ध के समय स्त्री के योनी में लिंग प्रेस करते ही हो जाता हैं । स्त्री के सामने आते ही घबरा जाना, वीर्य निकल जाना इत्यादि भी सेक्स एवं शारीरिक समस्याओं के अंतर्गत ही आता है। इससे पुरुष घबराकर या शरमाकर स्त्री से दूर-दूर भागने लगते हैं और अपनी बीमारी को छिपाने की कोशिश करते हैं।

मांसपेशियों का कमजोर होना (weak pelvic muscles)
सेक्स में दिलचस्पी खत्म होने का सबसे बड़ा कारण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (erectile dysfunction ) यानी लिंग की मांसपेशियां कमजोर पड़ना माना जाता है। यह समस्या कई बार विटामिन बी की कमी, धूम्रपान और अल्‍कोहल का अत्यधिक सेवन कारण सकती हैं। हमारी लाइफस्‍टाइल का इस परेशानी से सीधा संबंध होता है। कई बार तनाव भी इसकी वजह माना जाता है।

सेक्स एवं शारीरिक के प्रति उदासीनता (Low Libido)
शराब पीने वालों, कोकीन आदि ड्रग्स लेने वाले पुरुषों में सेक्स के प्रति उदासीनता देखी जाती है। अधिक मोटापा भी व्‍यक्ति में सेक्स एवं शारीरिक के प्रति अरूचि पैदा कर देता है। कई बीमारियां जैसे- हृदय रोग, एनीमिया और मधुमेह जैसी बीमारियां भी पुरुष को सेक्स एवं शारीरिक के प्रति उदासीन बनाती हैं। अत्‍यधिक व्‍यस्‍त जीवन भी सेक्स एवं शारीरिक जीवन पर असर डालता है।

सेक्स एवं शारीरिक शक्ति में कमी का भ्रम (Anxiety)
कई लोग यह मानते हैं कि एक उम्र के बाद शरीर में सेक्स एवं शारीरिक शक्ति में कमी आ जाती है। हालांकि यह पूरी तरह सत्‍य नहीं है। यदि पुरुष अपने स्वास्थ्य की ठीक प्रकार से देखभाल करते हैं, तो वे लंबे समय तक सेक्स एवं शारीरिक जीवन का आनंद उठा सकते हैं।

दवायें डालती हैं विपरीत असर (Effects of medication)

सेक्स एवं शारीरिक इच्छा में कमी कई बार अधिक दवाइयों का प्रयोग करने, शरीर में रोगों का प्रभाव होने, मूत्रनली से संबंधित रोग होने, तनाव होने और मानसिक समस्या के कारण हो सकते हैं।

Tuesday, 18 December 2018

यौन सम्बन्धी समस्या प्रश्नोतरी – The Secret of Successful Sexual Health

भारतीय संस्कृति में सेक्स को पर्दागृहित माना गया है, लोग इसपे खुलके बात करने में झिझक महसूस करते हैं , परिणामस्वरूप हम कई सारे मिथ्या पाल लेते हैं और अंदर ही अंदर कई बिमारिओ को दावत दे बैठते है  तो मैं आज कुछ पाठको के प्रश्नों का उत्तर दे रहा हु | अगर आपको पसंद आये तो इसे शेयर करे, और साथ ही साथ कमेंट में आप भी प्रश्न पुच सकते हैं !



प्रश्न : हस्तमैथुन  क्या है ? What is Masturbation?  ( विकाश बिहार से )

उत्तर: विकाश जी हस्तमैथुन करने का अर्थ है, अपने शरीर के प्राइवेट अंगों को इस तरह से छूना-सहलाना जिससे आप चरम आनंद की अनुभूति कर सकें । हस्तमैथुन एक सुरक्षित सेक्स की तकनीकों है । यह स्वयं आनंद प्राप्त करने का एक तरीका है जिसमें एचआईवी या यौन संचारित संक्रमण या गर्भधारण का कोई ख़तरा नहीं होता है । इसमें स्त्री पुरुष दोनों स्वम् से यौन इच्छा की पूर्ति कर सकते हैं ! यौन चिकित्सकों का मानना है कि यदि आप स्वयं के साथ एक स्वस्थ यौन संबंध बनाने में सक्षम होते हैं तो संभावना है की आप दूसरों के साथ ज़्यादा आनंद अनुभव कर सकेंगें।

प्रश्न : क्या हस्तमैथुन करना हानिकारक है? Is Masturbation Good or Bad? (पल्लव चेरापूंजी )

उत्तर: पल्लव जी हस्तमैथुन आनंददायक एवं पूरी तरह सुरक्षित है। स्त्री एवं पुरुष दोनों ही हस्तमैथुन करते हैं । कोई कितनी बार हस्तमैथुन करते हैं इस बात का तब तक कोई फ़र्क नहीं पड़ता जब तक यह उनके दैनिक कामों में बाधा न उत्पन्न करे या इसमें किसी को भी उनकी मर्ज़ी के खिलाफ़ शामिल न किया गया हो । हस्तमैथुन का सेक्स जीवन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। यह व्यक्ति के अधिकारों के निहित एक जायज़ क्रिया है और हस्तमैथुन करने से कमज़ोरी नहीं होती, आपका शारीरिक विकास नहीं रुकता, मुहांसे नहीं निकलते और कोई भी मनोवैज्ञानिक विकारनहीं होते।

प्रश्न : क्या हस्तमैथुन करने से वीर्य की कमी होती है? क्या इससे मेरी प्रजनन क्षमता पर प्रभाव पड़ेगा? Does Masturbation affect Sperm Count? ( देव पंजाब से )

उत्तर: मिस्टर देव वीर्य में शुक्राणु, द्रव्य एवं प्रास्टाग्लैंडिन नामक पदार्थ होते हैं। अंडकोष में लगातार वीर्य का उत्पादन होता रहता है। जबकि पुरुष के शरीर में किशोरावस्था के बाद लगातार वीर्य का उत्पादन होता रहता है, इसे शरीर में संग्रहीत करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होता, इसलिए हस्तमैथुन करने से शुक्राणु के उत्पादन पर कोई असर नहीं होता। हस्तमैथुन आनंददायक एवं पूरी तरह हानिरहित क्रिया है और इससे वीर्य की कमी नहीं होती। अतः प्रजनन क्रिया पर भी इसका कोई असर नहीं होता।

प्रश्न : मैं पिछले 3 सालों से हस्तमैथुन कर रही हूँ। क्या मैं इसकी आसक्त हो गई हूँ? क्या आप बता सकते हैं कि हस्तमैथुन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? ( तुलिका काल्पनिक नाम लखनऊ से )

उत्तर: तुलिका जी हस्तमैथुन करने की आदत कोई चिंता की बात नहीं है। हस्तमैथुन करना केवल उस स्थिति में समस्या समझा जा सकता है जब यह आपके रोज़मर्रा के जीवन पर प्रभाव डालने लगे या तनाव को दूर करने का यही एकमात्र तरीका बन जाए। हस्तमैथुन करना खुद यौनिक आनंद प्राप्त करने का सबसे सुरक्षित तरीका होता है। हस्तमैथुन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें -

हस्तमैथुन करते समय किसी नुकीली या मैली वस्तु (आपके नाखूनों सहित) का इस्तेमाल न करें।
किसी भी ऐसी वस्तु के इस्तेमाल से बचें जिसके उपयोग से दर्द या असहजता का अनुभव हो।
कभी-कभी हस्तमैथुन के दौरान घर्षण (रगड़) के कारण यौन अंगों की त्वचा में जलन महसूस हो सकती है। चिकनाई युक्त पदार्थ का प्रयोग करने से त्वचा के ऊपर एक सुरक्षा परत बन जाती है और इससे घर्षण से सुरक्षा मिलती है।
कुछ लोग हस्तमैथुन के दौरान सेक्स टॉय का इस्तेमाल करना भी करते हैं। ऐसे में इनकी साफ़ सफ़ाई का विशेष ध्यान रखें क्योंकि इनसे संक्रमण का संचारण आसानी से हो सकता है।
किसी अन्य व्यक्ति के सामने उनकी सहमति के बिना हस्तमैथुन करना उनके अधिकारों का उलंघन है। 18 वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति के सामने उनकी मर्ज़ी होने पर भी हस्तमैथुन करना यौन शोषण कहलाता है और अपराध है।

प्रश्न : मुझे पिछले कुछ वर्षों से नाइट फॉल की बीमारी है। मैंने सुना है कि किशोरों को यह शिकायत होती है पर मैं अब 19 वर्ष का हो गया हूँ। मुझे यह भी नहीं समझ आता कि मुझे अश्लील यौन उत्तेजक सपने क्यों आते हैं?

उत्तर: कभी-कभी रात को सोते हुए लिंग में तनाव आ सकता है और इसके बाद या इसके बिना वीर्य भी निकल सकता है। इस प्रक्रिया को स्वप्नदोष या नाइट फॉलकहते हैं। यह बिल्कुल स्वाभाविक और आम प्रक्रिया है, कोई दोष, बीमारी या कमज़ोरी नहीं है। आपने ठीक कहा, इसकी शुरुआत किशोरावस्था में होती है और परेशान न हों, आपकी उम्र के युवा लोगों में स्वप्नदोष होना आम बात है। यह प्रक्रिया पुरुष के शरीर के विकास का हिस्सा है। किशोरावस्था से लड़कों के शरीर में वीर्य का उत्पादन शुरु हो जाता है और इसके बाद लगातार वीर्य का उत्पादन होता रहता है। स्वप्नदोष इसलिए होता है क्योंकि शरीर में वीर्य बहुत मात्रा में बनता है पर उसको इकट्ठा करने के लिए शरीर में जगह नहीं होती है। इसे अंततः बाहर तो आना ही होता है, अतः अगर दिन में वीर्य शरीर से बाहर नहीं निकलता तो रात में सोते-सोते निकल जाता है।

यौन उत्तेजक सपने अश्लील या बुरे नहीं होते हैं और न ही इनका मतलब यह है कि आप अति कामुक हैं। स्वप्नदोष के साथ हमेशा ही कोई यौन भावना या यौन उत्तेजक स्वप्न नहीं जुड़ा होता। अक्सर युवा पुरुष स्वप्न दोष के कारण बहुत शर्मिंदगी महसूस करते हैं और यौन उत्तेजक स्वप्न एवं भावनाओं के लिए स्वयं को दोषी मानते हैं। ये जीवन का एक हिस्सा हैं न कि परेशान होने वाली कोई बात।

प्रश्न : मैं कक्षा 7 में पढ़ने वाला छात्र हूँ। आजकल मुझे अचानक ही बिना किसी कारण लिंग में तनाव महसूस होने लगता है। लोगों को लगता होगा कि मैं हमेशा सेक्स के बारे में ही सोचता रहता हूँ। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं क्या करूँ?


उत्तर: जब लड़के या पुरुष यौन उत्तेजना महसूस करते हैं तब उनका लिंग सख्त हो जाता है। इसे लिंग में तनाव आना कहते हैं और यह लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ने के कारण होता है। किशोरावस्था में इन तनावों की आवृत्ति अधिक होती है और कभी-कभी तो ये शर्मिंदगी का कारण भी बन जाते हैं। लिंग में तनाव का आवश्यक रूप से यही मतलब नहीं होता है कि आप यौनिक रूप से उत्तेजित हों। असल में किशोरावस्था में लड़कों के शरीर में उत्पादित हो रहे हॉर्मोन्स के स्तर के तेजी से बढ़ने के कारण ऐसा होता है। इसी समय शरीर के अन्य हिस्सों एवं दिमाग के बीच कुछ नए संपर्क विकसित हो रहे होते हैं। इनके कारण कोई भी उत्तेजना लिंग में तनाव पैदा कर सकती है जैसे कोई यौनिक विचार, हल्का सा स्पर्श, जीन्स के कारण पड़ रहा दबाव, यहाँ तक कि परिक्षा से जुड़े तनाव भी (यह तो बिल्कुल भी सेक्सी नहीं है)! समय के साथ आप इस उत्तेजना को बेहतर संभालने में सक्षम हो जाएंगे।

Wednesday, 5 September 2018

छोटे कद का घरेलु उपचार : Myths Uncovered About Height Growth

कद छोटा होने पे नामकरण भी कुछ ऐसे ही होने लगते हैं , जैसे छोटू, नाटू, मुन्ना, इतियादी, जैसे अच्छे खासे नाम का लोग बैंड बजा के रख देते हैं , जिससे कॉन्फिडेंस में कमी महसूस होने लगती  हैं ,और सोचने पे मजूबर होना पड़ता हैं  कि काश उनकी हाइट भी अच्छी होती तो उनकी पर्सनेलीटी बेहतर होती, तो कोई इनका इस तरह से मजाक नहीं उड़ा पाता, भारत में सबसे ज्यदा दिक्कत कद को लेकर लडकियो को होता हैं , शादी के प्रपोजल जाते ही , रिश्ते वाले आपके लड़की का हाइट कितनी हैं सबसे पहले पूछते हैं ,  हाइट जेनेटिक्स (अनुवांशिकता) पर निर्भर करती है, लेकिन जरूरी नहीं कि आपके पेरेंट्स की हाइट कम हो तो आपकी भी हो. कई बार शरीर में जरूरी मिनरल्स और बिगड़े रूटीन की वजह से भी लोग हाईट पर असर पड़ता है. तो घबराने की कोई जरुरत नहीं हैं  आप अपने हाइट में अच्छी ग्रोथ पा सकते हैं

यहा हाइट बढ़ाने के कुछ आसान तरीके दिए गये हैं जिससे आप अपने हाइट में अच्छी ग्रोथ पा सकते हैं
तो आइये जाने क्या हैं ये:


नित्य खेल एवं व्यायाम - रेगुलर एक्सरसाइज और अपना पसंदीदा खेल  में एक्टिव रहना, हाइट बढ़ाने का बेस्ट तरीका और आसान  तरीका है. यही वजह है कि बच्चों को हमेशा एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि यह स्वास्थ के विकास में मदद करता है. यहां तक कि अगर आप 18 से २५  साल तक के हो चुके हैं तब भी आपकी हाइट कुछ इंच का इजाफा कर सकते हैं . हाइट बढ़ाने के लिए कुछ बेस्ट एक्सरसाइजेज हैं- स्विमिंग, हैंगिंग एक्सरसाइजेज, टो टचिंग एक्सरसाइजेज, सुपर स्ट्रेच और स्किपिंग एवं व्यायाम में सूर्य नमस्कार एवं सिरसासन को फॉलो करे

भरपूर नींद ले - आपने अक्सर सुना होगा स्वास्थ्य शारीर में स्वास्थ्य मस्तिष्क का निवास होता हैं , अगर मस्तिष्क स्वास्थ्य रहेगा तो शरीर उर्जावान होगा और शरीर के सभी अंगो का विकास प्रॉपर होगा और  एक स्वस्थ विकास के लिए भरपूर नींद लेना अत्यंत आवश्यक हैं . यह बात सब जानते हैं कि कम से कम 8 घंटे की रोजाना  नींद जरूरी है. जो कि स्वस्थ विकास के लिए बहुत इफेक्टिव फैक्टर है. पर्याप्त नींद इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे शरीर बढ़ता है और टिशूस को रीजनरेट करने में मदद मिलती है और हमारा दिमाग मानव विकास हार्मोन रिलीज करता है. तो, अगर आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल रही हो तो, जिसकी वजह से एचजीएच कम मात्रा में बनगा और इस प्रकार हाइट बढ़ने में रुकावट होती है.

स्वस्थ खाना- उचित विकास के लिए स्वस्थ एवं संतुलित भोजन बहुत जरूरी है. क्योंकि आपके शरीर को बढ़ने और पूरी तरह से विकसित करने के लिए सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता होती है. और स्वस्थ भोजन के लिए बैलेंस्ड डाइट जरूरी है. हाइट बढ़ाने के लिए चीजों को खाने में शामिल करें- विटामिन डी, कैल्शियम, जिन्क खाएं, एक अच्छे डाइट चार्ट को फॉलो करें... हाइट का डाइट चार्ट दोस्तों हम अपने अगले आर्टिकल में डालने , डाइट चार्ट परिवेश और खानपान पे डिपेंडेंट करती हैं तो हम एक मानक चार्ट डालेगे , और जिसको पूर्ण चार्ट चाहिए वो अपना देनिक क्रियाकलाप व खानपान का लिस्ट देकर कमेंट में हमसे पूछ सकते हैं | उनको ईमेल के थ्रू चार्ट भेज दिया जायेगा

ज्यादा से ज्यादा  पानी पिएं - शरीर को अपनी पूरी तरह विकास तक पहुंचने के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरुरी है. जब लंबे कद की बात आती है तो पानी पीना अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. पानी डाइजेशन और मेटाबॉलिज्म को सुधरता है, टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, जिसका सीधा असर हाइट पर होता है. इसलिए हाईट बढ़ाने के लिए भरपूर पानी पिएं.

लौ टेस्टोस्टेरोन उपचार के फायदे एवं खतरे : Low Testosterone Causes Symptoms & Cure

पुरुष और स्त्री के विकास और भिन्नता में हारमोंस का सबसे बड़ा हाथ होता हैं , पुरुषो में टेस्‍टोस्‍टेरॉन की बहुलता और स्त्रिवो में एस्ट्रोजन की बहुलता पायी जाती है ! टेस्‍टोस्‍टेरॉन को मेल हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है, इसके मात्रा के कम होने पर शारीरिक विकास में बाधाएं होती हैं, साथ ही साथ व्‍यक्ति का स्‍वास्‍थ्य पूरी तरह प्रभावित होता है। इ‍सलिए अगर आपको पता चले  कि आपके शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर कम है तो इसका उपचार किसी बेहतर चिकित्सकीय परामर्श ले कर करवाए । लेकिन इसके उपचार के दौरान कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें भी उत्पन्न  हो सकती हैं लेकिन कई तरीके से फायदेमंद भी है।
आज हम  टेस्‍टोस्‍टेरॉन को विस्‍तार में जानेगे !



टेस्टोस्टेरॉन पुरुष  की शारीरिक प्रवलता, यौन इन्द्रियो में विकाश,एवं यौन क्षमता को बढ़ाता है और इसका संबंध यौन क्रियाकलापों, रक्त संचरण और मांसपेशियों के साथ-साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति
से भी जुडा होता है। अकसर यह देखने को मिलता हैं की वृद्ध पुरुष चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो जाता है तो लोग इसे उसके काम या आयु का प्रभाव मानते हैं, पर यह टेस्टोस्टेरॉन के स्‍तर में कमी से भी होता है। क्योकि उम्र के साथ साथ टेस्टोस्टेरॉन के स्‍तर में कमी भी आती हैं ! 

लौ टेस्टोस्टेरोन : उपचार के दौरान होने वाले खतरे
चिकित्‍सकों की मानें तो टेस्‍टोस्‍टेरॉन के स्‍तर के कम होने के बाद जब भी मरीज इसका उपचार करना आते हैं तो यह बहुत आसान नहीं होता है। अगर टेस्‍टोस्‍टेरॉन रिप्‍लेसमेंट किया जाये तो इसके कारण दिल के दौरे या किसी गंभीर बिमारी  की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसिएशन की सर्वे का मानें तो उम्र बढ़ने के साथ ही टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर स्‍वाभाविक रूप से कम होने लगता है। लेकिन अगर इसका उपचार करवा रहे हैं तो कोशिश करें कि टेस्‍टोस्‍टेरॉन रिप्‍लेसमेंट न करवाना पड़े। सही खानपान एवं अपने दिनचर्या में सुधर करके टेस्‍टोस्‍टेरॉन के स्‍तर को बनांये रखे

लौ टेस्टोस्टेरोन : उपचार के फायदे
बेहतर जीवन यापन के लिए स्‍वस्‍थ यौन संबंध का होना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर पुरुष का टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर कम हो जाता है तो इसके कारण इरेक्‍शन (ED) की संभावना बढ़ जाती है और वह अपनी महिला मित्र को संतुष्‍ट नहीं कर पाता नतीजा नपुंसकता भी हो सकती जैन । ऐसे में लो टेस्‍टोस्‍टेरॉन के उपचार के बाद यह समस्‍या लगभग दूर हो जाती है। अच्‍छी नींद आती है, तनाव नहीं रहता है, और मांसपेशियों भी मजबूत होने लगती हैं। ऐसे में लो टेस्‍टोस्‍टेरान के उपचार के लिए टेस्‍टोस्‍टेरॉन थेरेपी बहुत ही कारगर साबित हो सकती है। इस‍के अलावा पुरुषों को खानपान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए, नियमित व्‍यायाम करना चाहिए और नियमित अंतराल पर अपने शरीर के सभी अंगों की जांच भी करानी चाहिए।

Tuesday, 4 September 2018

यूरिन इन्फेक्शन के सामान्य लक्षण व उपचार - Urine Infection Causes & Treatment

प्रकृति ने हमे बहुत कुछ दे रखा हैं | जिसके उपयोग से जटिल से जटिल समस्याओ का निवारण किया जा सकता हैं ! पेसाब की समस्या भी एक हैं, अक्सर स्त्रिओ में पेसाब की समस्या ज्यादा पायी जाती है |
लेकिन  यह समस्या स्त्री या पुरूष दोनों को कभी भी हो सकती है। कई बार तो यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन विषम सिथित में  डॉक्टरों के पास जाने तक की नौबत आ जाती है। अमूमत:  लो अक्सर यूरिन इंफैक्शन को अनदेखा कर देते है   बाद में कई समस्याओं का कारण बनता है। ऐसे आपको चाहिए कि जब भी यूरिन करते समय जलन या दर्द, पीलापन हो तो तुरंत इलाज शुरू कर दें, ताकि बाद में किसी प्रकार की कोई बड़ी बीमारी होने का खतरा टल जाए। आज हम आपको यूरिन इंफैक्शन के कारण, लक्षण और इसके इलाज के लिए कुछ दैनिक जीवनचर्या में उपयोग होने वाले नुकसे बताएंगे, जिन्हें आप घर पर ही ट्राई कर पेसाब की समस्याओ से निजात पा सकते हैं |


तो आइये जाने 

क्या हैं ? पेसाब  में जलन के कारण
 (urine infection Causes )


  • मूत्र मार्ग में संक्रमण या ब्लैडर में सूजन आ जाना  
  • किडनी में पथरी 
  • शरीर में पानी की कमी 
  • लीवर की प्रॉब्लम
  • रीढ़ की हड्डी में चोट 
  • शुगर (मधुमेह) की बीमारी


पेशाब में जलन के लक्षण 
(urine infection symptoms)


  • यूरिन से स्मैल
  • ब्लैडर में दर्द
  • बार-बार यूरिन 
  • यूरिन के रंग में पीलापन
  • बूंद-बूंद कर पेशाब आना
  • पेट और मूत्र मार्ग में अक्सर जलन


यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय - 
homemade Remedy of Urine Infection 

1. अधिक पानी का सेवन 


अगर यूरिन लग कर आ रहा है तो हर एक घंटे में पानी का गिलास पीएं। इससे ब्लैडर में जमा हुए बैक्टीरिया बाहर निकल जाएगे और शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी।

2. सिट्रिक एसिड युक्त फलो का उपयोग
जिन फलों और सब्जियों में सिट्रिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, उनका सेवन करें। यह एसिड यूरिन इंफैक्शन बनाने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। ऐसे में खट्टे फल यानी नींबू, मौसमी अन्य आदि का सेवन करें।

3. नारियल पानी का सेवन
नारियल पानी पीने से भी यूरिन के दौरान होने वाली जलन कम हो सकती है। साथ ही रोजाना नारियल पानी पीने से शरीर को पानी और मिनरल्स भरपूर मात्रा में मिलते है।

4. चावल का पानी का सेवन
आधा गिलास चावल के पानी में चीनी मिलाकर पीने से यूरिन में होने वाली जन कम हो सकती है। 

5. बादाम और इलायची का उपयोग
बादाम की 5 गिरी में 7 छोटी इलायची और मिसरी डालकर पीस लें। फिर इसे पानी में घोलकर पीएं। इससे दर्द और जलन कम होती है।


यूरिन इंफैक्शन के आयुर्वेदिक उपचार 
(Ayurvedic Treatment for urine infection )

1. आंवला और इलायची 
आंवले का चूर्ण में इलायची मिलाकर पानी के साथ पीएं। इससे यूरिन की जलन कम होगी। साथ ही साथ यूरिन की समस्या से निजात पायेगे

2. बेकिंग सोडा और पानी
अगर यूरिन इंफैक्शन के दौरान बार-बार पेशाब आए तो 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सोडा मिलाकर पीएं। इससे एसिडिटी और जलन की समस्या कम होगी।

3. गेहूं और मिसरी
रात को सोने से पहले 1 मुट्ठी गेंहू को पानी में भिगोएं और सुबह उसी पानी को छान लें। फिर उसमें मिसरी मिलाकर खाएं। इससे यूरिन की समस्या से पूर्ण निजात पा सकते हैं ! 

Sunday, 3 June 2018

पर्सनल प्रॉब्लम (सेक्स समस्या) और समाधान : डॉक्टर की कलम से – Talk to Sexologist Online

दोस्तों डॉक्टर की कलम से में आपका स्वागत हैं – आज हमारे कुछ पाठको ने अपने पर्सनल प्रॉब्लम के बारे में  कुछ सवाल पूछे हैं , जिसके जवाब यहा दिया हैं  


सवाल: डॉक्टर साहिब आपने पहले बताया था  कि मास्टरबेशन (हस्त मैथुन) से कोई कमजोरी नहीं आती। लेकिन मुझे और मेरे दोस्तों को इस किया के दौरान बहुत कमजोरी महसूस हुई । कृपया कमजोरी को दूर करने का उपाय बताएं?

जवाब: देखिये यह आप समझ लें कि जैसे अपने पार्टनर से सहवास से कोई कमजोरी नहीं आतीउसी तरह मास्टरबेशन (हस्तमैथुन) से किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती । इसकी सामान्य वजह यह है कि सहवास के दौरान जो क्रिया पुरुष का लिंग,और स्त्री के योनी में करता है । वही क्रिया मास्टरबेशन के दौरान पुरुष का प्राइवेट पार्ट हाथो में होता है। इस तरह जगह अलग-२ हो सकते हैं जैसे मुट्ठी या प्राइवेट पार्ट मगर कार्य एक ही हो रहा हैं , उसी तरह से सहवास में हकीकत होती है और मास्टरबैशन में हकीकत की कल्पना । ऐसा जरूरी नहीं है, फिर भी आपको अगर कोई कमजोरी के दूर करने के तौर पर लेनी है तो एक कप दूध में एक चम्मच गाय का घी और एक चम्मच मिश्री मिलाकर रात में सोते वक्त सेवन करें । जिससे आपकी: 
1. मानसिक अशांति दूर होगी और याद्दाश्त बेहतर होगी । 

2. ऐसिडिटी,कब्ज और पेट  की समस्या से भी निजात मिलेगा। दरअसल, इसमें विटामिन A, E और K अच्छी मात्रा मिलते हैं। 

3. गाय के घी में लिनोलिक ऐसिड होता है जो शरीर से चर्बी को कम करता है। इससे कलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता । 


इस औषधी के उपयोग से  जवानी को बरकरार रखता है और बुढ़ापे कोसो दूर भागती है। सच तो यह है कि तथाकथित कमजोरी दूर करने का इससे बेहतर कोई नेचुरल तरीका नहीं हैं !  

सवाल: डॉक्टर मेरा नाम रामधन हैं और मैं 50 साल का हूं । पिछले 3 माह  से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लिए दवाईओ का सेवन कर रहा हु । सेक्स के दौरान मुझे कम उत्तेजना हो रही है और डिस्चार्ज भी नहीं हो पाता । क्या यह सेक्स की यह समस्या अब मुझे हमेशा के लिए हो गई है

जवाब: देखिये रामधन जी सेक्स मे मुख्य चार चरण होते हैं: जिनमें सबसे पहला चरण ख्वाहिश, द्वितीय तनाव, और फिर प्रवेश और आखिरी में स्खलन
अब आपका कहना है कि आपको सेक्स को लेकर ख्वाहिश कम है और डिस्चार्ज में भी समस्या आ रही है । मुमकिन है कि सर्वाइकल का दर्द और उसके लिए जो आप दवाई ले रहे हैं उसकी वजह से ख्वाहिश में या उत्तेजना में कमी की आ रही हो। 
जब किसी की सेक्स के लिए ख्वाहिश ही कम हो जाए तो क्लाइमैक्स पर पहुंचने में ही परेशानी आ सकती है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि जब आप क्लाइमैक्स पर नहीं पहुंच पाते तो डिस्चार्ज भी नहीं हो पाता होगा । 

आगे जब सर्वाइकल से होने वाली परेशानी से आपको निजात मिल जाए और आप दवाइयां लेना जैसे कम कर देंगे या फिर बंद कर देंगे तो यह मुमकिन है कि क्लाइमैक्स पर पहुंचने की क्रिया भी पहले जैसी सामान्य हो सकती हैं | परन्तु एकबार आप अपने नजदीकी डॉक्टर से भी रिपोर्ट के साथ दिखा ले !


कई बार 50 से 60 की उम्र में लोग प्रोस्टेट की समस्या के लिए 'अल्फा ब्लॉकर' नाम की दवाई लेते हैं, जिससे कई बार डिस्चार्ज न होने की समस्या पैदा होती है और दवाई बंद करने पर एक-दो हफ्ते में अमूमन समस्यातया निजात मिल जाता है । में उत्तेजना की चरम सीमा आती है। इन सभी के बाद ही व्यक्ति को अपार आनंद का अनुभव होता है। जब आनंद अपने चरम पर पहुंचता है, इसके तुरंत बाद डिस्चार्ज की क्रिया होती है । तो आप बेहतर होगा आप दवाओ का डोज कम करके सेक्स क्रिया करके देखे अगर लाभ मिलता हैं तो मतलब ये हैं कि ये सब सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के दवा के वजह से हो रहा हैं ! गर नहीं मिलता हैं तो नजदीकी सेक्सोलोजिस्ट (SEXOLOGIST NEAR YOU) से संपर्क करे !

Saturday, 2 June 2018

गुर्दे और पेशाब की थैली में पथरी का आयुर्वेदिक इलाज : Ayurvedic Treatment for Stones in Gallbladder


कुछ दर्द ऐसे होते हैं जिसमे असहनीय पीड़ा होती हैं , ऐसा ही एक बीमारी हैं और वो हैं पथरी की प्रॉब्लम, पथरी की शिकायत लोग गुर्दे में पेशाब की थैली में होने की करते हैं , पथरी दूषित पानी या खान पान में आयरन वाली सब्जिओ की अधिक सेवन के कारण होते हैं – जैसे टमाटर, पालक, बैगन इत्यादि के सेवन से - कभी यह स्टोन आकार में काफी छोटे भी हो सकते हैं या मुर्गी के अंडे के बराबर भी सकते हैं ! हा यह बेहद खतरनाक होते हैं इसके कारण आपके गुर्दे, या पेशाब की थैली फट भी सकती हैं जिससे मृत्यु भी हो सकती हैं ! अथ: इसको इग्नोर ना करे वक्त रहते इलाज करवाए !
इसको आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा प्रारंभिक पथरी को ठीक किया जा सकता हैं ! तो आज हम आपको पथरी का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Stones ) बताने जा रहे हैं ! इसके लिए आपको

50 ग्राम संग यहूद जिसको हजरुल यहूद भस्म भी कहते हैं , 100 ग्राम कलमी शोरा. मूली का रस 3 किलो.ले कलमी शोरे को दो हिस्सों में बराबर बाँट ले 50-50 ग्राम, और मूली के रस को 6 हिस्सों में बाँट लीजिये,५००-५०० ग्राम ,   अभी सब से पहले एक मिटटी के बर्तन में 50 ग्राम कलमी शोरा ले, इसके ऊपर संगेयहूद भस्म डाले, अभी इसके ऊपर दोबारा बचा हुआ 50 ग्राम कलमी शोरा डाले इस पर आधा किलो मूली का रस मिलाये.
एक ईंटों का चूल्हा निर्माण कर लीजिये जिसमे 5 किलो उपले ले कर  आग जलाये. अभी मिटटी के बर्तन को जिसमे सभी सामग्री डाली हो उपलों की आग से आंच दे. आग शांत होने पर दोबारा इसमें 500 ग्राम. मूली का रस डालकर और फिर से इसी प्रकार 5 किलो उपलों की आग में पकाएं. ऐसा 6 बार तक करना है जिस से पूरा मूली का रस डाल देना है. पूरी आंच देने के बाद दवा तैयार हो जाएगी
कैसे करे दवा का प्रयोग :

उपरोक्त बनी हुयी दवा को 0.129598 ग्राम लेकरयवक्षार  0.129598 ग्राममूलीक्षार 0.129598 ग्राम इन तीनो को मिलाकर शरबत बजूरी ( यूनानी औषधि) के साथ दिन में तीन बार रोजाना  खिलाये. गुर्दे व् पेशाब की थैली से पथरी सरलतापूर्वक निकल जायेगा !  


Wednesday, 30 May 2018

पेशाब में जलन का आयुर्वेदिक उपचार – Home Remedy for Painful Urination

दिनचर्या में परिवर्तन और खान-पान की अनिमियतता कई सारी बिमारिओ का कारण  बन रही हैं ! इमसे से एक मुख्य कारण पेशाब में जलन, बदबू, पीलापन इत्यादि हैं । सबसे ज्यादा समस्या पेशाब में जलन की पायी गयी हैं । महिलाएं और पुरूष दोनों ही इस परेशानी से परेशान हैं। एैसे में यदि हम इसको नजरंदाज करते हैं तो इससे हमारी समस्या और भी बढ़ सकती है । अगर आपको इस जलन का कारण का पता वक्त रहते चल जाए तो आप इसका निवारण कर सकते हैं | अगर जलन ज्यादे हैं या पीलापन, या खूनी पेसाब आ रही हैं तो आप शीघ्र किसी नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करे - 

हम आप लोगो को बताने जा रहे हैं कि आखिर पेशाब में जलन का क्या-२ कारण हो सकते हैं ?

Painful Urination पेशाब में जलन (यूरिन इन्फेक्शन) के लक्षण और इलाज

  • पेशाब का रंग पीला होना
  • बार—बार पेशाब का आना
  • यूरिन से बदबू का आना
  • पेशाब करते समय दर्द का होना
  •  बूद बूंद करके पेशाब का आना          
  • पेशाब कम आना आदि ।

यूरिन इन्फेक्शन के मुख्य कारण- causes of painful urination

पानी का कम पीना

मनुष्य को एक दिन में कम से कम ५ लीटर पानी पीना चाहिए | शरीर में पानी की मात्रा सबसे ज्यदा  रहती है । लेकिन जब ये पानी कम होने लगता है तब हमारे शरीर के अंदर अनबलेंस होकर विषैले पदार्थ जमने लगते हैं और ये मूत्र मार्ग को रोकने का काम करते हैं और एैसे में पेशाब करते वक्त जलन होने लगती है । इस समस्या का मुख्य कारण है हमारा पानी का कम पीना। तो नित्य आपको ५ से ७ लीटर पानी पिए

इन्फेक्शन का होना (urinary tract infection )

बहुत कम लोगों को पता होगा की जब मूत्रमार्ग में किसी तरह का कोई इन्फेक्शन होता है तब भी पेशाब में जलन की समस्या होती है। इस इन्फेक्शन को UTI कहा जाता है । जब ये समस्या बढ़ती है तब पेशाब संबंधी अन्य रोग होने के चांसेस रहते हैं ।

पथरी

बहुत लोग आजकल पथरी की समस्या से परेशान है । और पथरी (Stones) होना एक आम बात सी हो गई है। पानी लोग कम पीते हैं और जंक फूड अधिक सेवन करते हैं । एैसे में पथरी हमारी किड़नी और मूत्र मार्ग में बनने लगती है और फिर वही पेशाब की जलन वाली परेशानी हो जाती है। युवा लोग पथरी से अधिक परेशान हो रहे हैं ।अथ: जंक फ़ूड का त्याग करे

शुगर

शुगर यानि की मधुमेह । भारत में सबसे अधिक लोग डायबिटीज से परेशान हैं । और मूत्र मार्ग में जलन भी इस बीमारी का मुख्य कारण हो सकता है। क्योंकि डायबिटीज होने से हमारे शरीर में मौजूद लीवर ठीक प्रकार से काम नहीं कर पाता है। और फिर इंसान को कमजोरी आने लगती है।

पेट का घाव

जी हां पेट में होने वाले घाव या छाले को पेट में अल्सर के नाम से जाना जाता है। और ये भी एक बड़ा कारण है मूत्र में जलन होने का। तंम्बाकू, गुटका अधिक मिर्च मसाले खाने वाले लोगों को पेशाब करते वक्त जलन की समस्या हो सकती है।

यौन रोग

आपको जानकर हैरानी होगी की इस समस्या का एक मुख्य कारण है यौन रोग या फिर किसी भी तरह का कोई इन्फेक्शन। एैसे में आपको डॉक्टर से अपनी जांच करवानी चाहिए।

पेशाब की जलन से निजात पाने का घरेलू उपचार

नारियल का पानी

नारियल का पानी पेशाब के जलन का रामबाण हैं !  यदि आपको इस समस्या से परेशानी हो रही हो तो कुछ दिनों तक नियमित आप नारियल का ठंडा पानी का सेवन करे  । इससे शरीर के गंदे और विषैले पदार्थ पेशाब मार्ग से बाहर निकल जाते हैं। आप चाहें तो ​नारियल पानी में थोड़ा सा गुड और धनिया पाउडर भी मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं  

गेंहू से उपचार

एक प्राकृतिक फाइबर का स्त्रोत है गेंहू । जी हां ये हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करता है। यदि आप एक कटोरी गेंहू रात के समय में भिगों कर सुबह इसे पीसकर इससे हलावा बनाकर खाते हैं तो इससे आपके पेशाब में होने वाली जलन दूर हो जाएगी ।हलवे को देसी घी में बनाने से और फायदेमंद माना जाता हैं !