भारतीय संस्कृति में सेक्स को पर्दागृहित माना गया है, लोग इसपे
खुलके बात करने में झिझक महसूस करते हैं , परिणामस्वरूप हम कई सारे मिथ्या पाल
लेते हैं और अंदर ही अंदर कई बिमारिओ को दावत दे बैठते है तो मैं आज कुछ पाठको के प्रश्नों का उत्तर दे
रहा हु | अगर आपको पसंद आये तो इसे शेयर करे, और साथ ही साथ कमेंट में आप भी
प्रश्न पुच सकते हैं !
प्रश्न : हस्तमैथुन क्या है ? What is Masturbation?
( विकाश बिहार से )
उत्तर: विकाश जी हस्तमैथुन करने का अर्थ है, अपने
शरीर के प्राइवेट अंगों को इस तरह से छूना-सहलाना जिससे आप चरम आनंद की अनुभूति कर
सकें । हस्तमैथुन एक सुरक्षित सेक्स की तकनीकों है । यह स्वयं आनंद प्राप्त करने
का एक तरीका है जिसमें एचआईवी या यौन संचारित संक्रमण या गर्भधारण का कोई ख़तरा
नहीं होता है । इसमें स्त्री पुरुष दोनों स्वम् से यौन इच्छा की पूर्ति कर सकते
हैं ! यौन चिकित्सकों का मानना है कि यदि आप स्वयं के साथ एक स्वस्थ यौन संबंध
बनाने में सक्षम होते हैं तो संभावना है की आप दूसरों के साथ ज़्यादा आनंद अनुभव
कर सकेंगें।
प्रश्न : क्या हस्तमैथुन करना हानिकारक है?
Is Masturbation
Good or Bad? (पल्लव चेरापूंजी )
उत्तर: पल्लव जी हस्तमैथुन आनंददायक एवं पूरी तरह सुरक्षित है। स्त्री
एवं पुरुष दोनों ही हस्तमैथुन करते हैं । कोई कितनी बार हस्तमैथुन करते हैं इस बात
का तब तक कोई फ़र्क नहीं पड़ता जब तक यह उनके दैनिक कामों में बाधा न उत्पन्न करे
या इसमें किसी को भी उनकी मर्ज़ी के खिलाफ़ शामिल न किया गया हो । हस्तमैथुन का
सेक्स जीवन पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। यह व्यक्ति के अधिकारों के
निहित एक जायज़ क्रिया है और हस्तमैथुन करने से कमज़ोरी नहीं होती, आपका शारीरिक विकास नहीं रुकता, मुहांसे
नहीं निकलते और कोई भी मनोवैज्ञानिक ‘विकार’ नहीं
होते।
प्रश्न : क्या हस्तमैथुन करने से वीर्य की
कमी होती है? क्या इससे मेरी प्रजनन क्षमता पर
प्रभाव पड़ेगा? Does Masturbation affect Sperm Count? ( देव पंजाब से )
उत्तर: मिस्टर देव वीर्य में शुक्राणु, द्रव्य
एवं प्रास्टाग्लैंडिन नामक पदार्थ होते हैं। अंडकोष में लगातार वीर्य का उत्पादन
होता रहता है। जबकि पुरुष के शरीर में किशोरावस्था के बाद लगातार वीर्य का उत्पादन
होता रहता है, इसे शरीर में संग्रहीत करने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होता,
इसलिए हस्तमैथुन करने से शुक्राणु के उत्पादन पर कोई असर नहीं होता।
हस्तमैथुन आनंददायक एवं पूरी तरह हानिरहित क्रिया है और इससे वीर्य की कमी नहीं
होती। अतः प्रजनन क्रिया पर भी इसका कोई असर नहीं होता।
प्रश्न : मैं पिछले 3 सालों से हस्तमैथुन कर
रही हूँ। क्या मैं इसकी आसक्त हो गई हूँ? क्या
आप बता सकते हैं कि हस्तमैथुन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? ( तुलिका काल्पनिक नाम लखनऊ से )
उत्तर: तुलिका जी हस्तमैथुन करने की आदत कोई चिंता की बात नहीं है।
हस्तमैथुन करना केवल उस स्थिति में समस्या समझा जा सकता है जब यह आपके रोज़मर्रा
के जीवन पर प्रभाव डालने लगे या तनाव को दूर करने का यही एकमात्र तरीका बन जाए।
हस्तमैथुन करना खुद यौनिक आनंद प्राप्त करने का सबसे सुरक्षित तरीका होता है।
हस्तमैथुन करते समय निम्न बातों का ध्यान रखें -
हस्तमैथुन करते समय किसी नुकीली या मैली वस्तु (आपके नाखूनों सहित)
का इस्तेमाल न करें।
किसी भी ऐसी वस्तु के इस्तेमाल से बचें जिसके उपयोग से दर्द या
असहजता का अनुभव हो।
कभी-कभी हस्तमैथुन के दौरान घर्षण (रगड़) के कारण यौन अंगों की त्वचा
में जलन महसूस हो सकती है। चिकनाई युक्त पदार्थ का प्रयोग करने से त्वचा के ऊपर एक
सुरक्षा परत बन जाती है और इससे घर्षण से सुरक्षा मिलती है।
कुछ लोग हस्तमैथुन के दौरान सेक्स टॉय का इस्तेमाल करना भी करते हैं।
ऐसे में इनकी साफ़ सफ़ाई का विशेष ध्यान रखें क्योंकि इनसे संक्रमण का संचारण
आसानी से हो सकता है।
किसी अन्य व्यक्ति के सामने उनकी सहमति के बिना हस्तमैथुन करना उनके
अधिकारों का उलंघन है। 18 वर्ष से कम आयु के किसी व्यक्ति के सामने उनकी मर्ज़ी
होने पर भी हस्तमैथुन करना यौन शोषण कहलाता है और अपराध है।
प्रश्न : मुझे पिछले कुछ वर्षों से नाइट फॉल
की बीमारी है। मैंने सुना है कि किशोरों को यह शिकायत होती है पर मैं अब 19 वर्ष
का हो गया हूँ। मुझे यह भी नहीं समझ आता कि मुझे अश्लील यौन उत्तेजक सपने क्यों
आते हैं?
उत्तर: कभी-कभी रात को सोते हुए लिंग में तनाव आ सकता है और इसके बाद या
इसके बिना वीर्य भी निकल सकता है। इस प्रक्रिया को स्वप्नदोष या ‘नाइट फॉल’ कहते हैं। यह बिल्कुल स्वाभाविक और आम प्रक्रिया है, कोई दोष, बीमारी या कमज़ोरी नहीं है। आपने ठीक कहा, इसकी
शुरुआत किशोरावस्था में होती है और परेशान न हों, आपकी
उम्र के युवा लोगों में स्वप्नदोष होना आम बात है। यह प्रक्रिया पुरुष के शरीर के
विकास का हिस्सा है। किशोरावस्था से लड़कों के शरीर में वीर्य का उत्पादन शुरु हो
जाता है और इसके बाद लगातार वीर्य का उत्पादन होता रहता है। स्वप्नदोष इसलिए होता
है क्योंकि शरीर में वीर्य बहुत मात्रा में बनता है पर उसको इकट्ठा करने के लिए
शरीर में जगह नहीं होती है। इसे अंततः बाहर तो आना ही होता है, अतः अगर दिन में वीर्य शरीर से बाहर नहीं निकलता तो रात में
सोते-सोते निकल जाता है।
यौन उत्तेजक सपने अश्लील या बुरे नहीं होते हैं और न ही इनका मतलब यह
है कि आप अति कामुक हैं। स्वप्नदोष के साथ हमेशा ही कोई यौन भावना या यौन उत्तेजक
स्वप्न नहीं जुड़ा होता। अक्सर युवा पुरुष स्वप्न दोष के कारण बहुत शर्मिंदगी
महसूस करते हैं और यौन उत्तेजक स्वप्न एवं भावनाओं के लिए स्वयं को दोषी मानते हैं।
ये जीवन का एक हिस्सा हैं न कि परेशान होने वाली कोई बात।
प्रश्न : मैं कक्षा 7 में पढ़ने वाला छात्र
हूँ। आजकल मुझे अचानक ही बिना किसी कारण लिंग में तनाव महसूस होने लगता है। लोगों
को लगता होगा कि मैं हमेशा सेक्स के बारे में ही सोचता रहता हूँ। मुझे समझ नहीं आ
रहा है कि मैं क्या करूँ?
उत्तर: जब लड़के या पुरुष यौन उत्तेजना महसूस करते हैं तब उनका लिंग सख्त
हो जाता है। इसे लिंग में तनाव आना कहते हैं और यह लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ने के
कारण होता है। किशोरावस्था में इन तनावों की आवृत्ति अधिक होती है और कभी-कभी तो
ये शर्मिंदगी का कारण भी बन जाते हैं। लिंग में तनाव का आवश्यक रूप से यही मतलब
नहीं होता है कि आप यौनिक रूप से उत्तेजित हों। असल में किशोरावस्था में लड़कों के
शरीर में उत्पादित हो रहे हॉर्मोन्स के स्तर के तेजी से बढ़ने के कारण ऐसा होता
है। इसी समय शरीर के अन्य हिस्सों एवं दिमाग के बीच कुछ नए संपर्क विकसित हो रहे
होते हैं। इनके कारण कोई भी उत्तेजना लिंग में तनाव पैदा कर सकती है जैसे कोई
यौनिक विचार, हल्का सा स्पर्श, जीन्स के कारण पड़ रहा दबाव, यहाँ तक कि परिक्षा से जुड़े तनाव भी (यह तो बिल्कुल भी सेक्सी नहीं
है)! समय के साथ आप इस उत्तेजना को बेहतर संभालने में सक्षम हो जाएंगे।
0 Comments:
Post a Comment