कुछ दर्द ऐसे होते हैं जिसमे असहनीय
पीड़ा होती हैं , ऐसा ही एक बीमारी हैं और वो हैं पथरी की प्रॉब्लम, पथरी की शिकायत
लोग गुर्दे में पेशाब की थैली में होने की करते हैं , पथरी दूषित पानी या खान पान
में आयरन वाली सब्जिओ की अधिक सेवन के कारण होते हैं – जैसे टमाटर, पालक, बैगन
इत्यादि के सेवन से - कभी यह स्टोन आकार में काफी छोटे भी हो सकते हैं या मुर्गी
के अंडे के बराबर भी सकते हैं ! हा यह बेहद खतरनाक होते हैं इसके कारण आपके
गुर्दे, या पेशाब की थैली फट भी सकती हैं जिससे मृत्यु भी हो सकती हैं ! अथ: इसको
इग्नोर ना करे वक्त रहते इलाज करवाए !
इसको आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा
प्रारंभिक पथरी को ठीक किया जा सकता हैं ! तो आज हम आपको पथरी का आयुर्वेदिक उपचार
(Ayurvedic Treatment for
Stones ) बताने जा रहे हैं ! इसके लिए आपको
50 ग्राम संग यहूद
जिसको हजरुल यहूद भस्म भी कहते हैं , 100 ग्राम कलमी शोरा. मूली का रस 3 किलो.ले कलमी शोरे को दो हिस्सों में बराबर बाँट ले 50-50 ग्राम, और मूली के रस को 6 हिस्सों में बाँट लीजिये,५००-५०० ग्राम , अभी सब से पहले एक मिटटी के बर्तन में 50 ग्राम कलमी शोरा ले, इसके ऊपर संगेयहूद भस्म डाले, अभी इसके ऊपर दोबारा बचा हुआ 50 ग्राम कलमी शोरा डाले इस पर आधा किलो
मूली का रस मिलाये.
एक ईंटों का चूल्हा निर्माण कर लीजिये
जिसमे 5 किलो उपले ले कर आग जलाये. अभी मिटटी के बर्तन को जिसमे सभी सामग्री डाली हो उपलों की आग से
आंच दे. आग शांत होने पर दोबारा इसमें 500 ग्राम. मूली का रस डालकर और फिर से इसी प्रकार 5 किलो उपलों की आग में पकाएं. ऐसा 6 बार तक करना है जिस से पूरा मूली का
रस डाल देना है. पूरी आंच देने के बाद दवा तैयार हो जाएगी
कैसे करे दवा का प्रयोग :
उपरोक्त बनी हुयी दवा को 0.129598 ग्राम लेकर, यवक्षार 0.129598 ग्राम, मूलीक्षार 0.129598 ग्राम इन तीनो को मिलाकर शरबत बजूरी ( यूनानी औषधि) के साथ दिन में तीन बार रोजाना खिलाये. गुर्दे व् पेशाब की थैली से पथरी
सरलतापूर्वक निकल जायेगा !







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