आयुर्वेद और हमारी प्रकृति

आयुर्वेद प्रकृति में उपस्थित उन द्रव्यों का समावास हैं जिससे मनुष्य समायोजित एवं क्रमबद्ध सदुपयोग से सुरक्षित स्वास्थ्य प्राप्त कर सकता हैं | आइये जाने क्या हैं ये द्रव्य और कब करे इनका प्रयोग ?

जाने आयुर्वेद और उसकी महत्ता

आयुर्वेद एक प्राचीनतम उपचार हैं जो सदियो से चली आ रही हैं | इसका महत्व दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा हैं | इसी संदर्भ में हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपचार और उसकी महत्ता को बताने जा रहे हैं | आइये जाने क्या हैं ये ?

स्वावलंबन और नियमितता की परख हैं आयुर्वेद

आयुर्वेद स्वावलंबन एवं नियमितता की परख हैं | इसके गुणधर्म मनुष्य के शरीर को आन्तरिक और बाह्य दोनों ही रूप से लोकिक बनाता हैं | परन्तु इसके लिए नियमितता और स्वव्लाम्बिता अनिवार्य हैं | स्वावलंबी बने स्वस्थ्य रहे

स्वस्थ्य शरीर में सिर्फ आत्मा ही नहीं परमात्मा बसते हैं

अति सुन्दर बचन "मूरख के लिए धन और गुणी के लिए स्वास्थ्य" समान कोई संचय नहीं हैं | एक स्वस्थ शरीर ने एक स्वस्थ आत्मा का निवास होता हैं | आयुर्वेद अपनाये स्वस्थ्य रहे सुरक्षित रहे |

सरल हैं स्वास्थ्य सहेजना

नित्य क्रिया में उपयोग होने वाली वस्तुये किस प्रकार आपके लिए उपयोगी हैं, कब और कितनी मात्रा में इसका उपयोग करे ? ये आयुर्वेद आपको बताता हैं | अत: सहज और सरल हैं आयुर्वेद, और उतना ही उपयोगी हैं |

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Wednesday, 5 September 2018

छोटे कद का घरेलु उपचार : Myths Uncovered About Height Growth

कद छोटा होने पे नामकरण भी कुछ ऐसे ही होने लगते हैं , जैसे छोटू, नाटू, मुन्ना, इतियादी, जैसे अच्छे खासे नाम का लोग बैंड बजा के रख देते हैं , जिससे कॉन्फिडेंस में कमी महसूस होने लगती  हैं ,और सोचने पे मजूबर होना पड़ता हैं  कि काश उनकी हाइट भी अच्छी होती तो उनकी पर्सनेलीटी बेहतर होती, तो कोई इनका इस तरह से मजाक नहीं उड़ा पाता, भारत में सबसे ज्यदा दिक्कत कद को लेकर लडकियो को होता हैं , शादी के प्रपोजल जाते ही , रिश्ते वाले आपके लड़की का हाइट कितनी हैं सबसे पहले पूछते हैं ,  हाइट जेनेटिक्स (अनुवांशिकता) पर निर्भर करती है, लेकिन जरूरी नहीं कि आपके पेरेंट्स की हाइट कम हो तो आपकी भी हो. कई बार शरीर में जरूरी मिनरल्स और बिगड़े रूटीन की वजह से भी लोग हाईट पर असर पड़ता है. तो घबराने की कोई जरुरत नहीं हैं  आप अपने हाइट में अच्छी ग्रोथ पा सकते हैं

यहा हाइट बढ़ाने के कुछ आसान तरीके दिए गये हैं जिससे आप अपने हाइट में अच्छी ग्रोथ पा सकते हैं
तो आइये जाने क्या हैं ये:


नित्य खेल एवं व्यायाम - रेगुलर एक्सरसाइज और अपना पसंदीदा खेल  में एक्टिव रहना, हाइट बढ़ाने का बेस्ट तरीका और आसान  तरीका है. यही वजह है कि बच्चों को हमेशा एक्टिव रहने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है क्योंकि यह स्वास्थ के विकास में मदद करता है. यहां तक कि अगर आप 18 से २५  साल तक के हो चुके हैं तब भी आपकी हाइट कुछ इंच का इजाफा कर सकते हैं . हाइट बढ़ाने के लिए कुछ बेस्ट एक्सरसाइजेज हैं- स्विमिंग, हैंगिंग एक्सरसाइजेज, टो टचिंग एक्सरसाइजेज, सुपर स्ट्रेच और स्किपिंग एवं व्यायाम में सूर्य नमस्कार एवं सिरसासन को फॉलो करे

भरपूर नींद ले - आपने अक्सर सुना होगा स्वास्थ्य शारीर में स्वास्थ्य मस्तिष्क का निवास होता हैं , अगर मस्तिष्क स्वास्थ्य रहेगा तो शरीर उर्जावान होगा और शरीर के सभी अंगो का विकास प्रॉपर होगा और  एक स्वस्थ विकास के लिए भरपूर नींद लेना अत्यंत आवश्यक हैं . यह बात सब जानते हैं कि कम से कम 8 घंटे की रोजाना  नींद जरूरी है. जो कि स्वस्थ विकास के लिए बहुत इफेक्टिव फैक्टर है. पर्याप्त नींद इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे शरीर बढ़ता है और टिशूस को रीजनरेट करने में मदद मिलती है और हमारा दिमाग मानव विकास हार्मोन रिलीज करता है. तो, अगर आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल रही हो तो, जिसकी वजह से एचजीएच कम मात्रा में बनगा और इस प्रकार हाइट बढ़ने में रुकावट होती है.

स्वस्थ खाना- उचित विकास के लिए स्वस्थ एवं संतुलित भोजन बहुत जरूरी है. क्योंकि आपके शरीर को बढ़ने और पूरी तरह से विकसित करने के लिए सभी तरह के न्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता होती है. और स्वस्थ भोजन के लिए बैलेंस्ड डाइट जरूरी है. हाइट बढ़ाने के लिए चीजों को खाने में शामिल करें- विटामिन डी, कैल्शियम, जिन्क खाएं, एक अच्छे डाइट चार्ट को फॉलो करें... हाइट का डाइट चार्ट दोस्तों हम अपने अगले आर्टिकल में डालने , डाइट चार्ट परिवेश और खानपान पे डिपेंडेंट करती हैं तो हम एक मानक चार्ट डालेगे , और जिसको पूर्ण चार्ट चाहिए वो अपना देनिक क्रियाकलाप व खानपान का लिस्ट देकर कमेंट में हमसे पूछ सकते हैं | उनको ईमेल के थ्रू चार्ट भेज दिया जायेगा

ज्यादा से ज्यादा  पानी पिएं - शरीर को अपनी पूरी तरह विकास तक पहुंचने के लिए हाइड्रेटेड रहना बहुत जरुरी है. जब लंबे कद की बात आती है तो पानी पीना अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. पानी डाइजेशन और मेटाबॉलिज्म को सुधरता है, टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है, जिसका सीधा असर हाइट पर होता है. इसलिए हाईट बढ़ाने के लिए भरपूर पानी पिएं.

लौ टेस्टोस्टेरोन उपचार के फायदे एवं खतरे : Low Testosterone Causes Symptoms & Cure

पुरुष और स्त्री के विकास और भिन्नता में हारमोंस का सबसे बड़ा हाथ होता हैं , पुरुषो में टेस्‍टोस्‍टेरॉन की बहुलता और स्त्रिवो में एस्ट्रोजन की बहुलता पायी जाती है ! टेस्‍टोस्‍टेरॉन को मेल हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है, इसके मात्रा के कम होने पर शारीरिक विकास में बाधाएं होती हैं, साथ ही साथ व्‍यक्ति का स्‍वास्‍थ्य पूरी तरह प्रभावित होता है। इ‍सलिए अगर आपको पता चले  कि आपके शरीर में टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर कम है तो इसका उपचार किसी बेहतर चिकित्सकीय परामर्श ले कर करवाए । लेकिन इसके उपचार के दौरान कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें भी उत्पन्न  हो सकती हैं लेकिन कई तरीके से फायदेमंद भी है।
आज हम  टेस्‍टोस्‍टेरॉन को विस्‍तार में जानेगे !



टेस्टोस्टेरॉन पुरुष  की शारीरिक प्रवलता, यौन इन्द्रियो में विकाश,एवं यौन क्षमता को बढ़ाता है और इसका संबंध यौन क्रियाकलापों, रक्त संचरण और मांसपेशियों के साथ-साथ एकाग्रता, मूड और स्मृति
से भी जुडा होता है। अकसर यह देखने को मिलता हैं की वृद्ध पुरुष चिड़चिड़ा या गुस्सैल हो जाता है तो लोग इसे उसके काम या आयु का प्रभाव मानते हैं, पर यह टेस्टोस्टेरॉन के स्‍तर में कमी से भी होता है। क्योकि उम्र के साथ साथ टेस्टोस्टेरॉन के स्‍तर में कमी भी आती हैं ! 

लौ टेस्टोस्टेरोन : उपचार के दौरान होने वाले खतरे
चिकित्‍सकों की मानें तो टेस्‍टोस्‍टेरॉन के स्‍तर के कम होने के बाद जब भी मरीज इसका उपचार करना आते हैं तो यह बहुत आसान नहीं होता है। अगर टेस्‍टोस्‍टेरॉन रिप्‍लेसमेंट किया जाये तो इसके कारण दिल के दौरे या किसी गंभीर बिमारी  की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। अमेरिकन यूरोलॉजिकल एसोसिएशन की सर्वे का मानें तो उम्र बढ़ने के साथ ही टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर स्‍वाभाविक रूप से कम होने लगता है। लेकिन अगर इसका उपचार करवा रहे हैं तो कोशिश करें कि टेस्‍टोस्‍टेरॉन रिप्‍लेसमेंट न करवाना पड़े। सही खानपान एवं अपने दिनचर्या में सुधर करके टेस्‍टोस्‍टेरॉन के स्‍तर को बनांये रखे

लौ टेस्टोस्टेरोन : उपचार के फायदे
बेहतर जीवन यापन के लिए स्‍वस्‍थ यौन संबंध का होना बहुत जरूरी है, लेकिन अगर पुरुष का टेस्‍टोस्‍टेरॉन का स्‍तर कम हो जाता है तो इसके कारण इरेक्‍शन (ED) की संभावना बढ़ जाती है और वह अपनी महिला मित्र को संतुष्‍ट नहीं कर पाता नतीजा नपुंसकता भी हो सकती जैन । ऐसे में लो टेस्‍टोस्‍टेरॉन के उपचार के बाद यह समस्‍या लगभग दूर हो जाती है। अच्‍छी नींद आती है, तनाव नहीं रहता है, और मांसपेशियों भी मजबूत होने लगती हैं। ऐसे में लो टेस्‍टोस्‍टेरान के उपचार के लिए टेस्‍टोस्‍टेरॉन थेरेपी बहुत ही कारगर साबित हो सकती है। इस‍के अलावा पुरुषों को खानपान पर विशेष ध्‍यान देना चाहिए, नियमित व्‍यायाम करना चाहिए और नियमित अंतराल पर अपने शरीर के सभी अंगों की जांच भी करानी चाहिए।

Tuesday, 4 September 2018

यूरिन इन्फेक्शन के सामान्य लक्षण व उपचार - Urine Infection Causes & Treatment

प्रकृति ने हमे बहुत कुछ दे रखा हैं | जिसके उपयोग से जटिल से जटिल समस्याओ का निवारण किया जा सकता हैं ! पेसाब की समस्या भी एक हैं, अक्सर स्त्रिओ में पेसाब की समस्या ज्यादा पायी जाती है |
लेकिन  यह समस्या स्त्री या पुरूष दोनों को कभी भी हो सकती है। कई बार तो यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाती है लेकिन विषम सिथित में  डॉक्टरों के पास जाने तक की नौबत आ जाती है। अमूमत:  लो अक्सर यूरिन इंफैक्शन को अनदेखा कर देते है   बाद में कई समस्याओं का कारण बनता है। ऐसे आपको चाहिए कि जब भी यूरिन करते समय जलन या दर्द, पीलापन हो तो तुरंत इलाज शुरू कर दें, ताकि बाद में किसी प्रकार की कोई बड़ी बीमारी होने का खतरा टल जाए। आज हम आपको यूरिन इंफैक्शन के कारण, लक्षण और इसके इलाज के लिए कुछ दैनिक जीवनचर्या में उपयोग होने वाले नुकसे बताएंगे, जिन्हें आप घर पर ही ट्राई कर पेसाब की समस्याओ से निजात पा सकते हैं |


तो आइये जाने 

क्या हैं ? पेसाब  में जलन के कारण
 (urine infection Causes )


  • मूत्र मार्ग में संक्रमण या ब्लैडर में सूजन आ जाना  
  • किडनी में पथरी 
  • शरीर में पानी की कमी 
  • लीवर की प्रॉब्लम
  • रीढ़ की हड्डी में चोट 
  • शुगर (मधुमेह) की बीमारी


पेशाब में जलन के लक्षण 
(urine infection symptoms)


  • यूरिन से स्मैल
  • ब्लैडर में दर्द
  • बार-बार यूरिन 
  • यूरिन के रंग में पीलापन
  • बूंद-बूंद कर पेशाब आना
  • पेट और मूत्र मार्ग में अक्सर जलन


यूरिन इन्फेक्शन के घरेलू उपाय - 
homemade Remedy of Urine Infection 

1. अधिक पानी का सेवन 


अगर यूरिन लग कर आ रहा है तो हर एक घंटे में पानी का गिलास पीएं। इससे ब्लैडर में जमा हुए बैक्टीरिया बाहर निकल जाएगे और शरीर में पानी की कमी भी नहीं होगी।

2. सिट्रिक एसिड युक्त फलो का उपयोग
जिन फलों और सब्जियों में सिट्रिक एसिड की मात्रा अधिक होती है, उनका सेवन करें। यह एसिड यूरिन इंफैक्शन बनाने वाले बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। ऐसे में खट्टे फल यानी नींबू, मौसमी अन्य आदि का सेवन करें।

3. नारियल पानी का सेवन
नारियल पानी पीने से भी यूरिन के दौरान होने वाली जलन कम हो सकती है। साथ ही रोजाना नारियल पानी पीने से शरीर को पानी और मिनरल्स भरपूर मात्रा में मिलते है।

4. चावल का पानी का सेवन
आधा गिलास चावल के पानी में चीनी मिलाकर पीने से यूरिन में होने वाली जन कम हो सकती है। 

5. बादाम और इलायची का उपयोग
बादाम की 5 गिरी में 7 छोटी इलायची और मिसरी डालकर पीस लें। फिर इसे पानी में घोलकर पीएं। इससे दर्द और जलन कम होती है।


यूरिन इंफैक्शन के आयुर्वेदिक उपचार 
(Ayurvedic Treatment for urine infection )

1. आंवला और इलायची 
आंवले का चूर्ण में इलायची मिलाकर पानी के साथ पीएं। इससे यूरिन की जलन कम होगी। साथ ही साथ यूरिन की समस्या से निजात पायेगे

2. बेकिंग सोडा और पानी
अगर यूरिन इंफैक्शन के दौरान बार-बार पेशाब आए तो 1 गिलास पानी में 1 चम्मच सोडा मिलाकर पीएं। इससे एसिडिटी और जलन की समस्या कम होगी।

3. गेहूं और मिसरी
रात को सोने से पहले 1 मुट्ठी गेंहू को पानी में भिगोएं और सुबह उसी पानी को छान लें। फिर उसमें मिसरी मिलाकर खाएं। इससे यूरिन की समस्या से पूर्ण निजात पा सकते हैं !