आयुर्वेद और हमारी प्रकृति

आयुर्वेद प्रकृति में उपस्थित उन द्रव्यों का समावास हैं जिससे मनुष्य समायोजित एवं क्रमबद्ध सदुपयोग से सुरक्षित स्वास्थ्य प्राप्त कर सकता हैं | आइये जाने क्या हैं ये द्रव्य और कब करे इनका प्रयोग ?

जाने आयुर्वेद और उसकी महत्ता

आयुर्वेद एक प्राचीनतम उपचार हैं जो सदियो से चली आ रही हैं | इसका महत्व दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा हैं | इसी संदर्भ में हम आपको कुछ आयुर्वेदिक उपचार और उसकी महत्ता को बताने जा रहे हैं | आइये जाने क्या हैं ये ?

स्वावलंबन और नियमितता की परख हैं आयुर्वेद

आयुर्वेद स्वावलंबन एवं नियमितता की परख हैं | इसके गुणधर्म मनुष्य के शरीर को आन्तरिक और बाह्य दोनों ही रूप से लोकिक बनाता हैं | परन्तु इसके लिए नियमितता और स्वव्लाम्बिता अनिवार्य हैं | स्वावलंबी बने स्वस्थ्य रहे

स्वस्थ्य शरीर में सिर्फ आत्मा ही नहीं परमात्मा बसते हैं

अति सुन्दर बचन "मूरख के लिए धन और गुणी के लिए स्वास्थ्य" समान कोई संचय नहीं हैं | एक स्वस्थ शरीर ने एक स्वस्थ आत्मा का निवास होता हैं | आयुर्वेद अपनाये स्वस्थ्य रहे सुरक्षित रहे |

सरल हैं स्वास्थ्य सहेजना

नित्य क्रिया में उपयोग होने वाली वस्तुये किस प्रकार आपके लिए उपयोगी हैं, कब और कितनी मात्रा में इसका उपयोग करे ? ये आयुर्वेद आपको बताता हैं | अत: सहज और सरल हैं आयुर्वेद, और उतना ही उपयोगी हैं |

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Sunday, 3 June 2018

पर्सनल प्रॉब्लम (सेक्स समस्या) और समाधान : डॉक्टर की कलम से – Talk to Sexologist Online

दोस्तों डॉक्टर की कलम से में आपका स्वागत हैं – आज हमारे कुछ पाठको ने अपने पर्सनल प्रॉब्लम के बारे में  कुछ सवाल पूछे हैं , जिसके जवाब यहा दिया हैं  


सवाल: डॉक्टर साहिब आपने पहले बताया था  कि मास्टरबेशन (हस्त मैथुन) से कोई कमजोरी नहीं आती। लेकिन मुझे और मेरे दोस्तों को इस किया के दौरान बहुत कमजोरी महसूस हुई । कृपया कमजोरी को दूर करने का उपाय बताएं?

जवाब: देखिये यह आप समझ लें कि जैसे अपने पार्टनर से सहवास से कोई कमजोरी नहीं आतीउसी तरह मास्टरबेशन (हस्तमैथुन) से किसी भी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती । इसकी सामान्य वजह यह है कि सहवास के दौरान जो क्रिया पुरुष का लिंग,और स्त्री के योनी में करता है । वही क्रिया मास्टरबेशन के दौरान पुरुष का प्राइवेट पार्ट हाथो में होता है। इस तरह जगह अलग-२ हो सकते हैं जैसे मुट्ठी या प्राइवेट पार्ट मगर कार्य एक ही हो रहा हैं , उसी तरह से सहवास में हकीकत होती है और मास्टरबैशन में हकीकत की कल्पना । ऐसा जरूरी नहीं है, फिर भी आपको अगर कोई कमजोरी के दूर करने के तौर पर लेनी है तो एक कप दूध में एक चम्मच गाय का घी और एक चम्मच मिश्री मिलाकर रात में सोते वक्त सेवन करें । जिससे आपकी: 
1. मानसिक अशांति दूर होगी और याद्दाश्त बेहतर होगी । 

2. ऐसिडिटी,कब्ज और पेट  की समस्या से भी निजात मिलेगा। दरअसल, इसमें विटामिन A, E और K अच्छी मात्रा मिलते हैं। 

3. गाय के घी में लिनोलिक ऐसिड होता है जो शरीर से चर्बी को कम करता है। इससे कलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता । 


इस औषधी के उपयोग से  जवानी को बरकरार रखता है और बुढ़ापे कोसो दूर भागती है। सच तो यह है कि तथाकथित कमजोरी दूर करने का इससे बेहतर कोई नेचुरल तरीका नहीं हैं !  

सवाल: डॉक्टर मेरा नाम रामधन हैं और मैं 50 साल का हूं । पिछले 3 माह  से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लिए दवाईओ का सेवन कर रहा हु । सेक्स के दौरान मुझे कम उत्तेजना हो रही है और डिस्चार्ज भी नहीं हो पाता । क्या यह सेक्स की यह समस्या अब मुझे हमेशा के लिए हो गई है

जवाब: देखिये रामधन जी सेक्स मे मुख्य चार चरण होते हैं: जिनमें सबसे पहला चरण ख्वाहिश, द्वितीय तनाव, और फिर प्रवेश और आखिरी में स्खलन
अब आपका कहना है कि आपको सेक्स को लेकर ख्वाहिश कम है और डिस्चार्ज में भी समस्या आ रही है । मुमकिन है कि सर्वाइकल का दर्द और उसके लिए जो आप दवाई ले रहे हैं उसकी वजह से ख्वाहिश में या उत्तेजना में कमी की आ रही हो। 
जब किसी की सेक्स के लिए ख्वाहिश ही कम हो जाए तो क्लाइमैक्स पर पहुंचने में ही परेशानी आ सकती है। ऐसे में यह स्वाभाविक है कि जब आप क्लाइमैक्स पर नहीं पहुंच पाते तो डिस्चार्ज भी नहीं हो पाता होगा । 

आगे जब सर्वाइकल से होने वाली परेशानी से आपको निजात मिल जाए और आप दवाइयां लेना जैसे कम कर देंगे या फिर बंद कर देंगे तो यह मुमकिन है कि क्लाइमैक्स पर पहुंचने की क्रिया भी पहले जैसी सामान्य हो सकती हैं | परन्तु एकबार आप अपने नजदीकी डॉक्टर से भी रिपोर्ट के साथ दिखा ले !


कई बार 50 से 60 की उम्र में लोग प्रोस्टेट की समस्या के लिए 'अल्फा ब्लॉकर' नाम की दवाई लेते हैं, जिससे कई बार डिस्चार्ज न होने की समस्या पैदा होती है और दवाई बंद करने पर एक-दो हफ्ते में अमूमन समस्यातया निजात मिल जाता है । में उत्तेजना की चरम सीमा आती है। इन सभी के बाद ही व्यक्ति को अपार आनंद का अनुभव होता है। जब आनंद अपने चरम पर पहुंचता है, इसके तुरंत बाद डिस्चार्ज की क्रिया होती है । तो आप बेहतर होगा आप दवाओ का डोज कम करके सेक्स क्रिया करके देखे अगर लाभ मिलता हैं तो मतलब ये हैं कि ये सब सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के दवा के वजह से हो रहा हैं ! गर नहीं मिलता हैं तो नजदीकी सेक्सोलोजिस्ट (SEXOLOGIST NEAR YOU) से संपर्क करे !

Saturday, 2 June 2018

गुर्दे और पेशाब की थैली में पथरी का आयुर्वेदिक इलाज : Ayurvedic Treatment for Stones in Gallbladder


कुछ दर्द ऐसे होते हैं जिसमे असहनीय पीड़ा होती हैं , ऐसा ही एक बीमारी हैं और वो हैं पथरी की प्रॉब्लम, पथरी की शिकायत लोग गुर्दे में पेशाब की थैली में होने की करते हैं , पथरी दूषित पानी या खान पान में आयरन वाली सब्जिओ की अधिक सेवन के कारण होते हैं – जैसे टमाटर, पालक, बैगन इत्यादि के सेवन से - कभी यह स्टोन आकार में काफी छोटे भी हो सकते हैं या मुर्गी के अंडे के बराबर भी सकते हैं ! हा यह बेहद खतरनाक होते हैं इसके कारण आपके गुर्दे, या पेशाब की थैली फट भी सकती हैं जिससे मृत्यु भी हो सकती हैं ! अथ: इसको इग्नोर ना करे वक्त रहते इलाज करवाए !
इसको आयुर्वेदिक उपचार के द्वारा प्रारंभिक पथरी को ठीक किया जा सकता हैं ! तो आज हम आपको पथरी का आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment for Stones ) बताने जा रहे हैं ! इसके लिए आपको

50 ग्राम संग यहूद जिसको हजरुल यहूद भस्म भी कहते हैं , 100 ग्राम कलमी शोरा. मूली का रस 3 किलो.ले कलमी शोरे को दो हिस्सों में बराबर बाँट ले 50-50 ग्राम, और मूली के रस को 6 हिस्सों में बाँट लीजिये,५००-५०० ग्राम ,   अभी सब से पहले एक मिटटी के बर्तन में 50 ग्राम कलमी शोरा ले, इसके ऊपर संगेयहूद भस्म डाले, अभी इसके ऊपर दोबारा बचा हुआ 50 ग्राम कलमी शोरा डाले इस पर आधा किलो मूली का रस मिलाये.
एक ईंटों का चूल्हा निर्माण कर लीजिये जिसमे 5 किलो उपले ले कर  आग जलाये. अभी मिटटी के बर्तन को जिसमे सभी सामग्री डाली हो उपलों की आग से आंच दे. आग शांत होने पर दोबारा इसमें 500 ग्राम. मूली का रस डालकर और फिर से इसी प्रकार 5 किलो उपलों की आग में पकाएं. ऐसा 6 बार तक करना है जिस से पूरा मूली का रस डाल देना है. पूरी आंच देने के बाद दवा तैयार हो जाएगी
कैसे करे दवा का प्रयोग :

उपरोक्त बनी हुयी दवा को 0.129598 ग्राम लेकरयवक्षार  0.129598 ग्राममूलीक्षार 0.129598 ग्राम इन तीनो को मिलाकर शरबत बजूरी ( यूनानी औषधि) के साथ दिन में तीन बार रोजाना  खिलाये. गुर्दे व् पेशाब की थैली से पथरी सरलतापूर्वक निकल जायेगा !