वीर्य का मूत्र के साथ निकलने को धातु रोग या शुक्र-मेह कहा जाता हैं ! ये स्वभाविक हैं जब पुरुष के अन्दर सेक्स करने की इच्छा जागृत होती हैं तो पुरुष का लिंग बिलकुल टाईट हो जाता हैं ! और इस केस में एक पतला द्रव्य पुरुष के लिंग के मुह तक आ जाता हैं जिसे Prostatic Secretion या मजी कहा जाता हैं ! यह मजी यौन सम्बन्ध बनांते समय बाहर निकलता हैं जो घर्षण को कम करता हैं – जिससे लिंग या योनी को किसी प्रकार का नुकसान न पहुचे और लिंग का प्रवेश योनी में सुगमता से हो जाये !

बहुत से व्यस्क कामवाशना के कारण हस्त-मैथुन क्रिया या स्वप्नदोष में लिप्त हो जाते हैं परिणामस्वरुप Prostatic Secretion (मजी) का प्रवाह बड़ी तेजी से होने लगता हैं ! जिससे पुरुष की उत्तेजना जल्द ही शांत हो जाती है !
इसके कई कारण और प्रकार हो सकते हैं जो निम्नवत हैं :
- वीर्य लेसदार या पानी के रूप में निकलना
- वीर्य स्वप्नदोष के समय अपने आप निकल जाना
- पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध बनाते ही निकल जाना
- कामुक विचार या स्त्री के अंग देख उत्तेजित होकर निकल जाना
- वीर्य दुर्बलता या पतलेपन के कारण निकल जाना
- पाचन की दुर्वलता
- अधिकतर लोगो में भोजन करने से 3-4 घंटे पहले पेशाब गाढ़ा और पीलापन आता है इस केस में समझना चाहिए कि पाचनशक्ति खराब है। बहुत से चिकित्सक मरीजो के अन्दर दर पैदा कर देते हैं लकिन आपको घबराने की बिलकुल भी जरूरत नहीं हैं । क्योकि असल में यह ज्यादा गरिष्ट भोजन करने से और पाचनतंत्र के कमजोर होने के कारण होता है जिसे फास्फेटस् कहा जाता है। अगर पाचनशक्ति के ठीक होने से पेशाब में वीर्य निकलने का रोग दूर हो जाता है |
- चिकित्सक सेक्सोलोजिस्ट सर्वप्रथम पेशाब में वीर्य की जांच कराने के लिए रोगी से कहते है कि अपने पेशाब को एक शीशी में भरकर रख लें। अगर उस शीशी में 2-3 घंटे के बाद नीचे कोई पदार्थ जम जाता है तो समझ जाना कि आप शुक्रमेह रोग से पीड़ित है। लेकिन कभी कभी भोजन नहीं पचता तो वह भी नीचे ही बैठ जाता है। रोगी व्यक्ति के पेशाब में यह अनपचा भोजन ज्यादा होता है और स्वस्थ व्यक्ति में कम
- 20 मिलीग्राम ताजे आंवले के रस में शहद मिलाकर पीने से धातु पुष्ट होती है।
- रोज सुबह प्रात:कालीन दो-तीन खजूर को घी में भूनकर खाने और ऊपर से इलायची, चीनी और कौंच डालकर उबाला गया दूध पिने से धातु दुर्बलता दूर होती है।
- इलायची दाना, बादाम, जावित्री का चूर्णं, शक्कर व गाय का मक्खन मिलाकर खाने से धातु दुर्वलता नष्ट होता है।
- अमलतास की छाल का महीन चूर्णं दो ग्राम की मात्रा में लेकर उसमें ४ ग्राम शक्कर मिलाकर गाय के दूध के साथ सुबह शाम लेने से धातु दुर्वलता नष्ट होता है।
Mera sukradu nil hai kya samadan hai
ReplyDeleteMera sukradu nil hai kya samadan hai
ReplyDeleteAnkur sir mere sukranu nil hai plz ilaj bataye
ReplyDeleteBachpan ki galtian h aur abhi dhatu rog start ho gaya hai laitrin krne baith h to bahut dard hota hai
ReplyDeletePlzzzzzz sir
ReplyDeleteMera mobile no 8601299400
ReplyDelete8601299400
ReplyDelete