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Saturday, 19 September 2015

डेंगू का रामवाण इलाज – गिलोय


डेंगू  (Dengue)   भहावह रूप लेते जा रहा हैं | दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, झारखण्ड जैसे अनेक राज्य इस बिमारी से ग्रसित हैं | यह एक ऐसी बीमारी हैं जिससे कई लोग जिन्दगी से जद्दोजहद कर रहे हैं | आज हम आप लोगो को आयुर्वेद में डेंगू से बचने और इसके सम्पूर्ण निस्तारण का अचूक इलाज बताने जा रहे हैं |

इलाज जानने से पहले जाने क्या हैं इस रोग का आम लक्षण –
  • ठण्ड लगती हैं और तेज बुखार आना
  • डेंगू के होने पे शरीर पे लाल रंग के चकते होने लगते हैं – पहले पैर से फैलते हुए पूरे शरीर में फैलता हैं |
  •  पेट खराब होना, पेट में दर्द, दस्त लगना आम लक्षण हैं |
  •     प्लेटलेट्स की कमी और नसों में दबाब आना
  •      लगतार सर दर्द, आखो में दर्द आम लक्षण हैं |
वचाव : 
गिलोय -
गिलोय (Giloy) डेंगू के रोग में रामवाण इलाज माना जाता हैं | गिलोय को पीसकर इसके जूस पीने पे प्लेटलेट्स तुरंत ही बनने शुरू हो जाते हैं | नीम के पेंड पे चढ़ी हुई गिलोय की तना और भी फैयदेमंद होता हैं | अगर मनुष्य इस तने का प्रयोग नित्य करे तो अनेक बिमरिवो से मुक्त हो सकता हैं | मुख्यत: डेंगू में गिलोय सर्वोत्तम माना जाता हैं |

पपीते का पत्ता –
पपीते का पत्ता, प्लेटलेट्स को निचे गिरने से रोकता है | साफ़ सुथरे पते को पिस कर उसके जूस का आप सेवन डेंगू में कर सकते हैं | सामान्यत: इसको नित्य लेने पे डेंगू से बच सकते हैं |

गेहू का नवीन पौधा –
डेंगू के कारण नसों के तनाव को रोकने में सहायक , प्लेटलेट्स वृधि में भी सहायक



निम्बू एवं संतरा –
विटामिन C की अधिकता के कारण संतरा एवं निम्बू पुरे शरीर में ताजगी बनाये रखने में सहयक हैं | जिससे डेंगू के जीवाणु शरीर को शिथिल नहीं कर पाते |

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